मनमर्जी से लगा रहे काॅपर टी, नर्सों की हो रही चांदी
मनमर्जी से लगा रहे काॅपर टी, नर्सों की हो रही चांदी
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मंडला/मध्यप्रदेश : देश में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रतिवर्ष परिवार नियोजन को लेकर प्रचार - प्रसार किया जाता है। छोटा - परिवार सुखी परिवार का नारा देकर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाता है। इस दौरान लोगों को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर समझ दी जाती है। मगर अब परिवार नियोजन कार्यक्रम कहीं कहीं आर्थिक लाभ पाने का साधन बन गए हैं। अधिक से अधिक प्रोत्साहन राशि पाने के उत्साह में जिला अस्पताल की नर्सों द्वारा इसका गलत तरीके से उपयोग भी किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत स्टाॅफ नर्सेस और चिकित्सकों के लिए प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। इस दौरान गांव की सीधी जनता और महिलाओं को अधिक से अधिक काॅपर टी का उपयोग करवाया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार इस कार्य में महिलाओं की सहमति और असहमति का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इस तरह का प्रचार उन महिलाओं के साथ भी हो रहा है जो प्रसव के लिए चिकित्सालयों में भर्ती हो रही हैं। माले में कहा गया है कि नर्सों को प्रति केस लगभग 150 रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। प्रोत्साहन राशि के लालच में ये नर्सें प्रति माह करीब तीस हजार रूपए से पचास हजार रूपए प्रति माह अर्जित कर रही हैं।

इस तरह का उपयोग करने के बाद महिलाओं का परिवार नियोजन तो हो रहा है लेकिन इसमें महिलाओं की सहमति का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। बड़े पैमाने पर चल रही इस अनियमितता पर ध्यान देने वाला तक कोई नहीं है। हालांकि कुछ महिलाओं को इस काॅपर टी से लगवाने से इंकार कर दिया गया तो उन्होंने इसे लेने से इंकार कर दिया।

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