नई दिल्ली: कच्चे तेल के कम होते दाम के बीच भी पेट्रोल-डीजल के दाम पुराने स्तर पर ही कायम हैं। तेल के दाम से लोगों को राहत देने के लिए बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा था कि सरकार अब हर 15 दिन में कच्चा तेल, डीजल-पेट्रोल एवं विमान ईंधन (ATF) पर लगाए गए नए टैक्स की समीक्षा करेगी। अंतरराष्ट्रीय दाम को ध्यान में रखते हुए करों की समीक्षा हर पखवाड़े की जाएगी।
तत्पश्चात, बीते दिनों केंद्र सरकार ने डीजल और विमानन ईंधन पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके अतिरिक्त सरकार ने घरेलू क्रूड ऑयल पर भी टैक्स बढ़ाने का फैसला लिया था। इस परिवर्तन को 1 सितंबर से लागू भी कर दिया गया है। यह फैसला सरकार की ओर से क्रूड के बेलगाम होते दाम के बीच लिया गया था। हालांकि फिलहाल क्रूड 7 महीने के निचले स्तर पर चल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘हम निर्यात को हतोत्साहित नहीं करना चाहते किंतु घरेलू स्तर पर उपलब्धता बढ़ाना चाहते हैं।' अगर तेल की उपलब्धता नहीं होगी और निर्यात अप्रत्याशित फायदे के साथ होता रहेगा तो कुछ भाग देशवासियों के लिए भी रखना आवश्यक है।' घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन का कर लगाया गया है। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बताया कि नया कर सेज इकाइयों पर भी लागू होगा। किन्तु उनके निर्यात को लेकर प्रतिबंध नहीं होगा। इसके साथ ही रुपये की गिरावट पर वित्त मंत्री ने कहा RBI एवं सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। सरकार आयात पर रुपये के मूल्य के प्रभाव को लेकर पूरी तरह सचेत है।
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