ग्राहक को डीलर ने टिकाई जंग ​लगी कार, पढ़ें रिपोर्ट
ग्राहक को डीलर ने टिकाई जंग ​लगी कार, पढ़ें रिपोर्ट
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ग्राहकों को लूटने में कई बार कार डीलर कोई कोरकसर बाकी नहीं छोड़ते. यहां तक कि कानून को ताक पर रख कर हदों से भी परे चले जाते हैं. चंडीगढ़ के रहने वाले गुरमेल सिंह सेखों को डीलर ने जंग लगी कार बेच दी, तो गुरमेल ने हिम्मत न हारते हुए न केवल डेढ़ साल तक लंबी लड़ाई लड़ी बल्कि ​डीलर को आखिरकार अपने सामने पस्त कर दिया.

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गुरमेल सिंह सेखों फरीदकोट के रहने वाले है ने महिन्द्रा के ऑथोराइज्ड डीलर हरबीर ऑटोमोबाइल प्राइवेट लिमिटेड से 10 सितंबर, 2017 को एक स्कॉर्पियो खरीदी थी. लेकिन अगले ही दिन कार के ब्लोअर कंट्रोलर ने काम करना बंद कर दिया. डीलर ने उन्हें उसे ठीक करने का भरोसा दिलाया, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कुछ दिन बाद जब वे कार वाश कार सर्विस सेंटर गए तो वहां कर्मनाचारी ने नोटिस किया कि कार पर डेंट और जंग लगा हुआ है. सेखों ने तुरंत 29 सितंबर, 2017 को ही ई-कंप्लेंट फाइल कर दी, लेकिन उन्हें समस्या का कोई हल नहीं मिला. उन्हें लगा कि डीलर ने उन्हें 13.77 लाख रुपये के बदले नई स्कॉर्पियो देने के नाम पर ठग लिया है. वहीं कंपनी और डीलर ने कहा कि शिकायकर्ता ने उन्हें खराबी के बारे में सूचित नहीं किया है. वहीं कोई जॉब कार्ड उनके आरोपों के बदले नहीं बना है.

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दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने शिकायतकर्ता के हलफनामे को आधार माना. साथ ही, सेखों ने शिकायत में ईमेल की प्रति भी लगाई, जो डीलर को संबोधित थी और लिखा था छत पर जंग. उसके बाद फोटोग्राफिक सबूतों में भी छत पर डेंट और जंग होने की बात सामने आई. जिसके बाद उपभोक्ता फोरम ने छत पर जंग के लिए कंपनी और डीलर को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया. साथ ही, कहा कि छत के छोटे हिस्से पर पेंट में आया यह खुरदरापन शिकायतकर्ता ने जानबूझ कर नहीं किया है.बहस के दौरान डीलर और कंपनी ने छत को पेंट करने और पेंट पर आए खुरदरेपन को खत्म करने का ऑफर दिया. वहीं फोरम ने शिकायतकर्ता की नई कार देने की मांग को यह कह कर खारिज कर दिया कि कार पहले ही 25 हजार किमी चल चुकी है, और इस दौरान इसमें कोई बड़ी खराबी सामने नहीं आई है. फोरम ने डीलर और कंपनी को सेवा में खामी और व्यापार में अनुचित तरीके अपनाने के लिए 50 हजार रुपये का मुआवजा और 10 हजार रुपये का कानूनी खर्च मानसिक प्रताड़ना के लिए शिकायत कर्ता को देने का आदेश दिया है.   

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