पटना : बिहार में एनडीए के साथ गठबंधन के 23 महीने बाद रविवार को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हुआ। राज्यपाल लालजी टंडन ने 8 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्री परिषद में शामिल होने वाले सभी नेता जदयू के हैं। इस बार कैबिनेट विस्तार में भाजपा विधायकों को जगह नहीं मिली, जबकि उसके कोटे का एक पद खाली है।
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बीजेपी से कोई मतभेद नहीं
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने खाली मंत्री पद भरने के लिए भाजपा को ऑफर दिया था, लेकिन हम इस पर बाद में फैसला लेंगे। वहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा से कोई मतभेद नहीं, एनडीए में सब कुछ ठीक है। नीतीश कैबिनेट का पहला विस्तार राजद गठबंधन के दौरान हुआ था। दूसरा विस्तार जुलाई 2017 में एनडीए में शामिल होने के बाद हुआ। ये तीसरा विस्तार है।
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जानकारी के लिए बता दें भाजपा ने बिहार मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी पार्टी आलाकमान को दे दी है। अभी भाजपा कोटे से मंत्री का पद खाली है। भाजपा से नीतीश सरकार में 13 मंत्री हैं। कुछ दिनों के भीतर जदयू कोटे वाले मंत्रियों के तीन और लोजपा के कोटे से एक मंत्री का पद खाली हुआ। नीतीश के तीन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, दिनेश चंद्र यादव और पशुपति कुमार पारस सांसद चुने गए थे।
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