सात दिन तक जलता रहा कराची तेल डिपो, जानिए भारतीय नौसेना का गौरवशाली इतिहास
सात दिन तक जलता रहा कराची तेल डिपो, जानिए भारतीय नौसेना का गौरवशाली इतिहास
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पूरे देश में नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन नौसेना के जाबाजों को याद किया जाता है. नेवी डे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय नौसेना की जीत के जश्न के रूप में मनाया जाता है. पाकिस्तानी सेना द्वारा 3 दिसंबर को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला किया था. इस हमले ने 1971 के युद्ध की शुरुआत की थी. पाकिस्तान को मुह तोड़ जवाब देने के लिए 'ऑपरेशन ट्राइडेंट' चलाया गया. यह अभियान पाकिस्‍तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्‍यालय को निशाने पर लेकर शुरू किया गया. एक मिसाइल नाव और दो युद्ध-पोत की एक आक्रमणकारी समूह ने कराची के तट पर जहाजों के समूह पर हमला कर दिया. इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था. इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्‍तनाबूद कर दिए गए थे. इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे.

सात दिन तक जलता रहा कराची तेल डिपो : आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज के तबाह हो जाने से पाकिस्तान नौसेना की कमर टूट गई थी. कराची के तेल टैंकरों में लगी आग की लपटों को 60 किलोमीटर की दूरी से भी देखा जा सकता था. बता दें कि कराची के तेल डिपो में लगी आग को सात दिनों तक नहीं बुझाया जा सका था.

नौसेना दिवस (Navy Day) 4 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है? : नौसेना दिवस 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में जीत हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की शक्ति और बहादुरी को याद करते हुए मनाया जाता है.'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के तहत 4 दिसंबर, 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था. इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है.


भारतीय नौसेना का इतिहास : भारतीय सेना का भारतीय नौसेना सामुद्रिक अंग है जिसकी स्थापना 1612 में हुई थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए East India Company's Marine के रूप में सेना गठ‍ित की थी. जिसे बाद में रॉयल इंडियन नौसेना नाम द‍िया गया. भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया.

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