दिन है तो रात भी होगी, सफ़ेद है तो काला भी होगा, अच्छे है तो बुराई भी होगी। हर सिक्के के दो पहलु होते हैं। इसलिए यदि शक्तियां सकारात्मक रूप में है तो नकारात्मक भी होगी शक्तियां अपने चरम रूप में नवरात्रि के नौ दिनों में देखी जाती है। सकरात्मक और नकारात्मक दोनों ही शक्तियां इन दिनों अपने उत्कर्ष पर होती है।
एक और जहा सात्विक पूजा के द्वारा देवी की पूजा आराधना की जाती है। भजन गए जाते हैं, आरती की जाती है , कन्याओं को भोजन कराया जाता है, दान पुण्य किया जाता है, हवन आदि होते हैं। मंत्रोच्चारण से माँ के शक्ति स्वरूप की साधना की जाती है , वहीँ दूसरी और तामसिक पथ पर चलने वाले वाम मार्ग के अनुयायी तंत्र का अहारा लेते हैं. इन दिनों काले जादू की प्रक्रियाए भी बढ़ जाती है। क्यूंकि माना जाता है की नवरात्र में अपनाये गए टोटके व उपाय , चाहे सकारात्मक हो या नकारात्मक, शीघ्र फल देते हैं।
काले जादू की शक्तिया अत्यंत खतरनाक होती है , और अगर इसमें कुछ गलत हो जाए तो ये टोटका करवाने वाले और करने वाले तक का विनाश कर सकती है। काले जादू द्वारा किये गए टोटके नवरात्रि में, और ख़ास तौर पर अष्टमी- नवमी तिथियों पर किए जाते हैं , क्यूंकि इन दिनों में शक्ति का चरमोत्कर्ष होती है। बीच चौराहो पर सिन्दूर लगे फल, निम्बू, उड़द,मिठाई और भी कई वस्तुए दिखाई देती है। ये सब चीज़े प्रेत बाधा और अन्य परेशानियों से मुक्ति के लिए रखी जाती है। भूल कर भी इन चीज़ो को छूना नहीं चाहिए , ना ही इसके ऊपर से कूदकर जाने की चेष्टा करना चाहिए। और इन चीज़ो के सेवन का तो सोचना भी नहीं चाहिए। यदि ऐसा किया जाता है तो वो सारी परेशानिया और विपत्तिया उस व्यक्ति पर आ जाती है।
ये सभी चीज़े तांत्रिक के द्वारा किसी व्यक्ति का नुक्सान करने हेतु काला जादू कर के रखी जाती है , या फिर प्रेत बाधा से बचने के लिए उतारा करके रखी जाती है। इसलिए इन चीज़ो से दूरी बनाये रखना चाहिए।
नवरात्रि में काले जादू से बचने के लिए उपाय :-
1. अपने कुल देवता और कुलदेवी की रोज़ पूजा करें।
2. अपने घर के मंदिर और व्यापार स्थल में सिद्ध बगलामुखी यन्त्र, दुर्गा यन्त्र या महाकाली यन्त्र स्थापित करें
3. महाकाली कवच या पंचमुखी हनुमान कवच धारण करे।
4. अपने घर में तथा स्वयं पर पवित्र जल का छिड़काव करते रहें।
5. घर के दरवाज़े पर निम्बू , हरी मिर्च और कोयले की माला टांग दे और उसे हर हफ्ते बदलते रहें।
नवरात्रि में माँ की सात्विकता से सच्चे दिल से आराधना करें और उनका आशीष प्राप्त करें। माता की कृपा हर बाधा से मुक्ति दिलाएगी।
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नवरात्री के नौवें दिन इसलिए कराया जाता है नौ कन्याओं को भोजन