बात नहीं बनी गुरू...न घर के रहे न घाट के......सिद्धू
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नई दिल्ली: अपनी मर्जी से भाजपा का साथ छोड़ने वाले नवजोतसिंह सिद्धू न घर के रहे और न घाट के...। कुछ यही हुआ है उनके साथ...। उन्होंने यह सोचा होगा कि भाजपा छोड़ने के बाद आम आदमी पार्टी उन्हें हाथों हाथ ले लेगी, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। आम आदमी पार्टी ने उन्हें सदस्यता देने के लिये इनकार तो नहीं किया होगा, परंतु जिस जीद को लेकर वे ’आप’ तक पहुंचे थे, वह जीद फिलहाल पूरी नहीं हो सकी है।

बताया गया है कि सिद्धू ने आप से यह कहा था कि वह पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये उन्हें बतौर मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करे, परंतु लगता है कि यह बाद ’आप’ को हजम नहीं हुई है और सिद्धू निराश होकर अपने घर लौट आये। पहले यह खबर सामने आ रही थी कि आम आदमी पार्टी में सिद्धू शामिल होने की घोषणा जल्द ही कर देंगे वहीं उनकी पत्नी ने भी यह स्पष्ट किया  था कि उनके पति आप में शामिल होने वाले है, लेकिन जब उन्होंने अपने लिये मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार घोषित करने की मांग ’आप’ से की तो मामला टाॅय-टाॅय-फिस्स हो गया....। 

सूत्रों ने बताया कि सिद्धू ने न केवल अपने लिये आप से चर्चा की वहीं उन्होंने अपनी पत्नी के लिये भी विधानसभा की सीट के लिये टिकट मांगा था, परंतु आम आदमी पार्टी ने यह कह दिया कि वह अपने नियमानुसार एक ही परिवार को दो लोगों को टिकट देने का निर्णय नहीं ले सकती। गौरतलब है कि सिद्धू भाजपा के अंदर अपनी अच्छी दखलअंदाजी रखते थे तो वहीं मोदी सरकार ने उन्हें राज्यसभा भी भेजा था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उन्होंने राज्यसभा को अलविदा कर दिया वहीं भाजपा से भी अपने आपको अलग कर लिया।

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