भारत के महापुरुषों में से एक हैं स्वामी विवेकानंद, जिनका जन्म 12 जनवरी को हुआ था और जल्द ही 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद जयंती आने वाली है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनसे जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग जिसे सुनने और जानने के बाद आपको बहुत सी बातें समझ आ जाएंगी. उनके इस प्रेरक प्रसंग से सुखी और सफल जीवन के सूत्र आपको समझ आ जाएंगे. आइए जानते हैं वह प्रेरक प्रसंग.
प्रेरक प्रसंग - एक बार स्वामी विवेकानंद के आश्रम में एक दुखी व्यक्ति आया. वह स्वामीजी से बोला कि मैं बहुत दुखी हूं, मैं बहुत मेहनत करता हूं, लेकिन मुझे सफलता नहीं मिल रही है. मैं पढ़ा-लिखा हूं और मेहनती हूं, फिर भी कामयाब नहीं हूं. कृपया कोई रास्ता बताएं, जिससे मैं भी सफल हो सकूं. स्वामीजी समझ गए कि व्यक्ति के दुखों की वजह क्या है. उस समय स्वामीजी के पास एक पालतू कुत्ता था, उन्होंने व्यक्ति से कहा कि तुम कुछ दूर तक मेरे कुत्ते को सैर करा लाओ. इसके बाद मैं तुम्हें तुम्हारे दुखों को दूर करने का रास्ता बताता हूं. ये सुनकर दुखी व्यक्ति हैरान हो गया.
फिर भी स्वामीजी की बात मानकर कुत्ते को सैर कराने के लिए ले गया. कुत्ते को सैर कराकर व्यक्ति वापस पहुंचा तो स्वामीजी ने देखा कि कुत्ता थका हुआ था, लेकिन व्यक्ति थका नहीं था. स्वामीजी ने उससे पूछा कि ये कुत्ता इतना ज्यादा कैसे थक गया, जबकि तुम तो बिना थके दिख रहे हो. व्यक्ति ने जवाब दिया कि स्वामीजी मैं तो अपने रास्ते पर सीधे चल रहा था, लेकिन कुत्ता गली के सारे कुत्तों के पीछे भाग रहा था और लड़कर फिर वापस मेरे पास आ जाता था. इस कुत्ते ने मुझसे कहीं ज्यादा दौड़ लगाई है, इस वजह से ये थक गया है. स्वामीजी ने कहा कि यही तुम्हारे दुखों को दूर करने का रास्ता है.
तुम्हारा लक्ष्य तुम्हारे सामने है, लेकिन तुम लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही दूसरों से होड़ करने लगते हो और अपनी मंजिल से दूर होते चले जाते हो. यही बात सभी लोगों पर लागू होती है. हम दूसरों के कामों में कमियां खोजते है, उनकी सफलता से जलते हैं. अपना ज्ञान बढाने की कोशिश नहीं करते और थोड़े से ज्ञान का घमंड करते हैं. ऐसी सोच की वजह से हम अपनी ऊर्जा व्यर्थ ही खर्च करते हैं. जबकि हमें सिर्फ अपने लक्ष्य पर ध्यान रखना चाहिए. दूसरों से होड़ करने के चक्कर में अपनी ऊर्जा व्यर्थ खर्च न करें. इन बातों का ध्यान रखने पर ही हमें सफलता मिल सकती है.
स्वामी विवेकानंद की यह बाते, करेंगे आपका मार्ग दर्शन...
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