कोर्ट ने बढ़ा दी मुशर्रफ की मुश्किलें
कोर्ट ने बढ़ा दी मुशर्रफ की मुश्किलें
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2007 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ आतंकवाद निरोधक अदालत ने पाकिस्तान में न्यायाधीशों को हिरासत में लेने के मामले में अदालत में पेश होने में विफल रहने पर गैर जमानती वारंट जारी किया है। आपको बता दें कि 72 वर्षीय मुशर्रफ सुर्पीम कोर्ट द्वारा विदेशी दौरे पर प्रतिबंध हटाने के बाद पिछले महीने अपना इलाज करवाने के लिए दुबई रवाना हो गए थे। वह आतंकवाद निरोधक अदालत में पेश नहीं हुए।

इस कारण हुए जज नाराज
मुशर्रफ की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताते हुए एटीसी के न्यायाधीश सोहैल अकरम ने कहा कि विदेश जाने से पहले उन्हें अदालत से अनुमति लेनी चाहिए थीण् वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के बाद ऊपरी अदालतों के न्यायाधीशों को हिरासत में लेने के खिलाफ मुशर्रफ पर सुनवाई चल रही है।

वकील ने भी नहीं कर पाई संतुष्ट
वकील अख्तर शाह से अदालत संतुष्ट नहीं थी। सरकार से अनुमति मिलने पर मुशर्रफ देश से बाहर गए इसने सरकारी अभियोजक आमिर नदीम ताबिश के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मुशर्रफ को बाहर जाने की अनुमति दी। बाद में एटीसी के न्यायाधीश ने मुशर्रफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। बहरहाल आदेशों का पालन कराने की संभावना काफी कम है क्योंकि पहले भी विभिन्न अदालतों ने मुशर्रफ को पेश करने के आदेश जारी किए लेकिन उन्होंने सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों को बताकर आसानी से इन आदेशों का उल्लंघन किया।

बताया जाता है कि मुशर्रफ को सैना का समर्थन प्राप्त है और कई आपराधिक मामले होने के बावजूद उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति है हालांकि उन्होंने वापस लौटने और सभी मामलों का सामना करने का वादा किया है लेकिन फिलहाल उनके लौटने की संभावना नहीं के बराबर है। मुशर्रफ ने देश पर 1999 से 2008 तक शासन किया।

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