राष्ट्रीयता और वैश्वीकरण में समन्वय की जरूरत
राष्ट्रीयता और वैश्वीकरण में समन्वय की जरूरत
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भोपाल : पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता डाॅ. मुरलीमनोहर जोशी ने भारतीय राष्ट्रीयता और वैश्वीकरण के बीच समन्वय की बात पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि दोनों में भेद तो है लेकिन समन्वय से दोनों के बीच संतुलन बन सकता है। डाॅ. जोशी ने यह बात रविवार को लोक मंथन कार्यक्रम के दौरान कही।

विधानसभा भवन में आयोजित लोक मंथन कार्यक्रम के दौरान रविवार को नवउदारीकरण और भूमंडलीकरण के दौर में राष्ट्रीयता विषय पर डाॅ. जोशी ने अपना व्याख्यान दिया था। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीयता को वसुधैव कुटुम्बकम का पोषक और वैश्वीकरण को आर्थिक चिंतन बताया। डाॅ. जोशी ने ग्लोबलाईजेशन की भी विस्तार से व्याख्या की और बताया कि यह गरीब तथा गरीब देशों के लिये नहीं है लेकिन यह चेतन अचेतन का शोषण कर सकता है।

उन्होंने परिवारों को न बिखरने देने के लिये भी लोगों से आह्वान किया और कहा कि परिवार हमारी मूल संस्था है, इसका बिखरना या टूटना विश्व के टूटने समान है।

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