मुंबई: देश में कोरोना के मरीजों की तादाद तीन लाख के आंकड़े को छूने वाली है। बीते 24 घंटे में 9 हजार 996 नए मरीज सामने आए हैं। वहीं, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हालत हद से ज्यादा बदतर है। मुंबई ने अब कोरोना के पहले सेंटर चीन के वुहान को भी पीछे छोड़ दिया है। 'देश की आर्थिक राजधानी' में कोरोना संक्रमित केस 51 हजार के आंकड़े के पार पहुंच चुके हैं। अस्पतालों के मुर्दाघर में लाश रखने के लिए जगह नहीं बची है।
मृतकों के परिवार वाले अपने रिश्तेदारों का शव नहीं ले जा रहे हैं। उपनगर परेल स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल (KEM) अस्पताल में 12 अज्ञात शव पिछले तीन सप्ताह से अंतिम संस्कार के इंतजार में हैं। या तो इनके परिजन की पहचान नहीं हो पा रही या फिर घरवाले कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से ही अपने नाते-रिश्तेदारों को पहचानने से मना कर दे रहे हैं। अब अस्तपाल प्रबंधन ने मजबूरन पुलिस से सहायता मांगी है। भोईवाड़ा पुलिस द्वारा मुद्राघर को खाली करने के लिए इन अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अस्पताल में एक बार में केवल 36 शवों को ही सुरक्षित रखा जा सकता है, किन्तु मुंबई में बढ़ते कोरोना के मामले और अज्ञात मृतकों के कारण स्थिति खराब हो रही है। 2 मई को जारी हुए गवर्नर के आदेश के अनुसार मृतकों के परिजन को मौत के 30 मिनट के भीतर ही शव सौपना होता है। यदि मृतक की पहचान नहीं हो पाती तो 48 घंटे उसे अपने निगरानी में रखने का प्रावधान है। यह जानकारी KEM अस्पताल के फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के डॉक्टर हरीश पाठक ने दी है।
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