शानदार फिल्म है 'पिंक'
शानदार फिल्म है 'पिंक'
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स्टार कास्ट---अमिताभ बच्चन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हाड़ी,
एंड्रिया तेरियांग, अंगद बेदी, पियूष मिश्रा, विजय वर्मा
डायरेक्टर---अनिरुद्ध रॉय चौधरी
प्रोड्यूसर---रश्मि शर्मा, राइजिंग सन फिल्म्स, सरस्वती क्रिएशन्स
संगीत---शांतनु मोईत्रा, अनुपम रॉय
जॉनर----कोर्टरूम ड्रामा-थ्रिलर

अपने प्रोडक्शन में एक से बढ़कर एक फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशक शूजित सरकार ने इस बार अनिरुद्ध रॉय चौधरी के हाथ में कमान देकर फिल्म 'पिंक' को डायरेक्ट करने के लिए कहा है, आइए जानते हैं आखिर कैसी है यह फिल्म... 

”इफ ए गर्ल से नो इट मीन्स नो… फिर चाहें वो आपकी गर्लफ्रेंड हो, आपकी पत्नी हो या फिर अपने जिस्म को सौदा करने वाली वेश्या.” ‘पिंक’, आपको बताने की कोशिश करती है कि औरत की अपनी एक सोच है और उसकी एक स्वतंत्रता है. जी हां, इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पिंक’ रिलीज हो रही है. ये फिल्म एक कोर्टरूम ड्रामा है जहां चर्चा होती है एक लड़की चरित्र की. उसकी सीमाओं की, उसके दायरे की जहां समाज तय करेगा कि उसे कैसे रहना चाहिए, क्या पहनना चाहिए और किस तरह जीना चाहिए. ये एक संवेदनशील विषय है जिस पर सदियों से उंगलियां उठाई जा रही है. बदकिस्मती से ये चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. 

दिल्ली-फरीदाबाद में बेस्ड ये कहानी सर्वप्रिय विहार में किराए के मकान में रहने वाली मीनल (तापसी पन्नू), फलक (कीर्ति कुल्हाड़ी) और एंड्रीया (एंड्रीया तारियांग) की है। 1 मार्च, रविवार की रात फरीदाबाद के पास स्थित सूरजकुंड के इलाके में रॉक कॉन्सर्ट के बाद ये तीनों लड़कियां वहां मौजूद तीन लड़कों के साथ पास के ही घर में पार्टी करने चली जाती हैं। वहां किन्ही कारणों से आपसी झड़प के बाद राजवीर (अंगद बेदी) की आंख के पास गहरी चोट लग जाती है, जिसकी वजह से ये तीनोंं लड़के, मीनल के पीछे पड़ जाते हैं और इसका अंजाम इन तीनोंं लड़कियों को भुगतान पड़ता है। मीनल के ऊपर केस हो जाता है। रिटायर्ड वकील दीपक सहगल (अमिताभ बच्चन) सामने आकर तीनोंं लड़कियों की तरफ से केस लड़ते हैं। अब क्या दीपक की दलील इन लड़कियों को बचा पाएगी या नहीं? इसके लिए आपको थिएटर का रूख करना होगा। 

वकील के रूप में अमिताभ बच्चन ने बहुत ही उम्दा अभिनय किया है, ऐसा वकील जो रिटायर्ड है साथ ही बाइपोलर बीमारी का शिकार है। बेशक किरदार मुश्किल था, लेकिन अमिताभ बच्चन ने बेहतरीन तरीके से इसे निभाया। वहीं कोर्ट रूम में अभिनेता पियूष मिश्रा और उनके द्वारा प्रयोग में लाए गए लीगल टर्म्स भी रियलिटी के करीब इस फिल्म को लाते हैं। पियूष मिश्रा ने अच्छा काम किया है। 

फिल्म के म्यूजिक कहानी के साथ चलता है और आपको सोचने पर मजबूर करता है। अनुपम रॉय और शांतनु मोईत्रा का संगीत अच्छा है।

देखें या नहीं...?
अच्छी कहानी, उम्दा एक्टिंग और बेहतरीन फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो जरूर देखें।

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