छोटे बच्चे हो या बड़े पढाई की जब भी बात आती है बच्चे पढ़ाई से दूर भागते है और अक्सर गुस्से में पेरेंट्स उन्हें मार- डांट कर पढ़ाने लगते है लेकिन उन्हें कुछ समझ नहीं आता है। जब बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तब वह पढ़ाई से दूर भागते है। ऐसे में बच्चों को डांटने या मारने की जगह प्यार से समझा कर पढ़ाया जा सकता है, जिससे वह पूरे मन के साथ अपनी पढ़ाई करते है। आप आसान तरीकों को अपना कर उन्हें पढ़ाई के लिए राजी कर सकते है।
- इस बात का ध्यान दे की बच्चे को कोन सा विषय अच्छा लगता है और कौन सा नहीं | जानने की कोशिश कीजिये की वह उस विषय को क्यों पसंद नहीं करता| उस विषय को समझने में कहा प्रॉब्लम आती ही और उन समझाए और मोटिवेट करें|
- बच्चो को डराए नहीं प्यार से विषय के बारे में समझये और जितनी बार वह प्रश्न करे उतनी बार समझये|
- स्कूल बुक्स के इलावा रोज बच्चे में 20 मिनट तक स्टोरी या अन्य बुक्स पढ़ने की आदत डाले इससे बच्चे की व्याकरण में रूचि होगी। इससे उनकी लर्निंस व स्पीकिंग प्रोसेस भी बढ़ जायेगा।
- बच्चों के पढने, ब्रेक लेने, खेलने व सोने का टाइम फिक्स करें। इससे बच्चे को पता रहेगा कि उन्हें कब व क्या पढ़ना हैं। साथ ही लगातार पढ़ने की जगह ब्रेक लेकर पढ़ने से वह स्ट्रेस फ्री भी रह सकेगा।
- फ्री समय में बच्चो से बात करें उन्हें कहा क्या परेशानी आ रही है पूछे व् उसका हल निकले |
- बच्चों को पढ़ाने व याद करवाने के लिए विजुअल, ऑडियो, वर्बल या लॉजिकल तरीकों को अपनाना ज्यादा सही होगा। इससे आपको भी समझने में आसानी होगी की आपका बच्चा किस तरह से चीजों को समझ पा रहा हैं।
- पढ़ाई के समय बच्चों की परफॉर्मेंस पर नहीं बल्कि लर्निंग प्रोसेट पर ध्यान दें। बच्चा जब एक बार किसी चीज को अच्छे से समझ जाएगा तो उसकी परफॉर्मेस में अपने-आप सुधार हो जाएगा।
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