नई दिल्ली: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान गंगा में बहती लाशों को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर मुखर हो गए हैं. राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर इस मामले के पीड़ित परिवारों के लिए मुआवज़े की मांग की है. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यूपी में गंगा नदीं में बहती लाशों की तस्वीरें सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई थीं. इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद विपक्ष ने इल्जाम लगाया था कि यूपी सरकार कोरोना से होने वाली मौतों को छुपाने के लिए संक्रमित लोगों के शवों को गंगा नदीं में प्रवाहित कर रही है. तो वहीं इस मामले को यूपी सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया था.
गंगा की लहरों में कोविड मृतकों के दर्द का सत्य बह रहा है जिसे छुपाना संभव नहीं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 24, 2021
पीड़ित परिवारों को हरजाना देना न्याय की तरफ़ पहला कदम होगा। pic.twitter.com/Z8SwYUqf9b
राहुल ने शुक्रवार को नमामि गंगे के चीफ के दावे पर आधारित एक खबर की हेंडिंग ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा कि, 'गंगा की लहरों में कोरोना मृतकों के दर्द का सत्य बह रहा है, जिसे छुपाना संभव नहीं हैं.' इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना न्याय की तरफ पहला कदम होगा.' बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में राहुल गांधी द्वारा यूपी सरकार पर किया गया यह हमला विधानसभा चुनाव में यूपी का सियासी पारा चढ़ा सकता है. असल में विपक्ष पहले से ही कोरोना महामारी के दौरान यूपी सरकार के कुप्रबंधन को लेकर यूपी सरकार पर हमला कर रहा है.
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक और नमामि गंगे के चीफ राजीव रंजन मिश्रा और प्रशासनिक अधिकारी पुस्कल उपाध्याय ने ”गंगा: रीइमेजिनिंग, रिजुवेनेटिंग, रीकनेक्टिंग” शीर्षक के साथ यह पुस्तक लिखी है. किताब में जिलों द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए लिखा गया है कि 300 से अधिक शव नदी में फेंके गए थे.
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