मिजोरम में क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन का अच्छा प्रदर्शन
मिजोरम में क्षेत्रीय पार्टियों के गठबंधन का अच्छा प्रदर्शन
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मिजोरम में पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा की अगुवाई में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे सात क्षेत्रीय दलों के गठबंधन जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए लगभग आठ सीटें जीत ली हैं। चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं होने की वजह से जेडपीएम के सभी उम्मीदवार निर्दलीय ही मैदान में थे। पार्टी ने 40 में से 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 

कांग्रेस से इस्तीफा दिया था
वही मिजोरम में जेडपीएम की अहमियत को ध्यान में रखते हुए ही कांग्रेस और मिजो नेशनल फ्रंट अपने चुनाव अभियान के दौरान उस पर सीधा हमला करने से बचती रहती थी। बता दे की लालदुहोमा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अंगरक्षक भी रह चुके हैं। साथ ही लालदुहोमा ने अपने तीन दशक के लंबे करियर के दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनके अनुसार इंदिरा गांधी के कहने पर उन्होंने इस्तीफा देकर वर्ष 1984 में कांग्रेस का हाथ थामा था। उस दौरान वे मिजोरम के प्रदेश अध्यक्ष होने के साथ सांसद भी बने थे। इसके बाद वह बाद लंदन गए और राज्य में शांति बहाली के लिए तत्कालीन उग्रवादी नेता लालदेंगा को भारत ले आए। लेकिन शांति प्रक्रिया में बाधा पहुंचने पर उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

लालदुहोमा ने मिजो नेशनल यूनियन का गठन किया था। लेकिन कुछ समय बाद ब्रिगेडियर साइलो की मिजोरम पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) में उसका विलय हो गया। साइलो वर्ष 1979 से 1984 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री रहे थे।

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