यहाँ बहती नदी अचानक से गायब हो जाती है, देखे वीडियों
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हिन्दू धर्म में पवित्र नदियों को माँ का दर्जा दिया गया है. जीवन दायिनी गँगा, यमुना और सरस्वती को वेदो पुराणों में भी पूज्यनीय स्थान दिया गया है. आदि काल से चमत्कार को नमस्कार है और प्रकृति ने अपनी गोद में आज भी कई ऐसे रहस्य छुपा रखे है जिन पर पड़ा पर्दा आज तक विज्ञान भी नहीं उठा पाया है. ये सुबूत है कि मानव भले ही धरती के गर्भ से लेकर चाँद की सतह तक अपनी बाहें फैला दे,  ईश्वर और उसकी रचना का पार पाना अभी उसके बुते की बात नहीं है. ऐसा ही एक नज़ारा आप इस वीडियो में देख सकते है जिसमे प्रकृति के उस चमत्कार के दर्शन हो रहे है, जिन पर खुद देखने वालो की आखे विश्वास नहीं करती.

नजारा उत्तराखंड मे बद्रीनाथ से भी आगे भीमपुर के माणा गाँव के पास का है जहा पावन गंगा, यमुना और सरस्वती के दर्शन है, मगर इस स्थान पर आकर सरस्वती नदी गुप्तगामिनि बन जाती है. एक ओर से बह कर आती विराट और प्रचंड जलराशी अचानक धरती में समा रही है और आगे का नज़ारा सूखा है . घोर आश्चर्य पैदा करता ये चमत्कार अभी भी वैज्ञानिकों की समझ से परे है. जलराशी कहा समा जाती है कोई नहीं जानता .

पुराणों की कथाओं के अनुसार व्यास जी ने महाभारत का लेखन इसी जगह पर किया था, जिसे सरस्वती नदी के बहाव के शोर मे गणेश जी नही सुन पा रहे थे. इसलिये व्यास जी ने उसे श्राप दिया और वो धरती के अंदर लुप्त हो गई. वीडियो में आप सरस्वती नदी को अचानक से लुप्त होते हुऐ देख सकते है. ईश्वर की माया वो ही जाने हम मानव तो सिर्फ उसकी रचना और चमत्कारों को नमस्कार भर कर सकते है. 

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