14 साल की नाबालिग को जबरन बनना पड़ेगा मां, एम्स ने नहीं दी अबॉर्शन की इजाजत
14 साल की नाबालिग को जबरन बनना पड़ेगा मां, एम्स ने नहीं दी अबॉर्शन की इजाजत
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नई दिल्ली: हाईकोर्ट के आदेश के भी बाद ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) ने 16 साल की नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भपात कराने की अनुमति नहीं दी। हाईकोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशानुसार, एम्स को जांच के बाद यह तय करना था कि पीड़िता के लिए अबॉर्शन जानलेवा है या नहीं।

मेडिकल बोर्ड ने अपनी जांच में कहा है कि पीड़िता का गर्भ सात माह का है, ऐसे में यदि उसका अबॉर्शन किया जाता है, तो उसकी जान को खतरा होगा। दो साल पहले नाबालिग लड़की का उसके स्कूल के बाहर से अपहरण कर रेप किया गया था। हैरानी की बात ये है कि जब पीड़िता ने कोर्ट में अबॉर्शन की इजाजत के लिए याचिका दायर की, तो उसके हिसाब से उसका गर्भ 24 सप्ताह का था।

लेकिन अब एम्स की मेडिकल बोर्ड का कहना है कि पीड़िता का गर्भ पूरे 30 सप्ताह का है। कानूनन 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को नहीं गिराया जा सकता। कोर्ट ने पीड़िता की अपील पर अबॉर्शन की इजाजत देते हुए एम्स मेडिकल बोर्ड को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि इससे पीड़िता की जान को कोई खतरा न हो।

मेडिकल बोर्ड में चार डॉक्टरों के साथ एक साइकोलॉजिस्ट को भी रखा गया था। उधर इस फैसले से लड़की के घरवाले बेहद परेशान हैं, क्योंकि उनका मत है कि बच्चे के जन्म के बाद न सिर्फ नाबालिग लड़की का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा बल्कि बच्चे का भविष्य भी चिंता का कारण बन जाएगा।

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