डिग्री-डिप्लोमा को छोड़ दुग्ध उत्पादन से बने करोड़पति
डिग्री-डिप्लोमा को छोड़ दुग्ध उत्पादन से बने करोड़पति
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जिसे हम एक छोटा काम समझते थे उस क्षेत्र में आज दुग्ध उत्पादन के जरिये लोग करोड़ों रूपये कमा रहे है इसी के चलते हम एक ऐसे व्यक्ति से अवगत कराते है .हरियाणा के जींद जिले के छोटे-से गांव बोहतवाला में रहने वाले बलजीत सिंह रेढु ने दूध बेचकर करोड़ों कमाए.इन्हें बचपन में बताया गया था कि कभी इस इलाके में दूध की नदियां बहती थीं, लेकिन बड़े हुए तो ये चीजें बदल गईं. इस इलाके में फिर से दूध का कारोबार खड़ा करने का सपना लेकर बलजीत ने सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री ली. इसके बाद अपने इन्होंने भाई के साथ मिलकर गाय-भैंसें खरीदीं और दूध का कारोबार शुरू कर दिया. आज इनका कारोबार करोड़ों रुपए में है.

इनका मानना था की कोई भी कार्य छोटा नहीं होता,बस करने का तरीका होना चाइये.हम कोई भी डिग्री डिप्लोमा क्यों न hashil किये हों अन्य कार्यों से भी प्रगति कर सकते है .बलजीत सिंह ने ‘लक्ष्य’ नाम से खुद का प्लांट स्थापित कर लिया है. इस कंपनी का सालाना टर्नओवर 150 करोड़ रुपए है.

अगर आप गाय-भैंसों के स्वास्थ्यवर्धक प्रोडक्ट्स की फ्रेंचाइजी लेकर पैसा और प्रतिष्ठा दोनों कमाना चाहते हैं तो आपके लिए यह सुनहरा मौका है.क्या आप जानते हैं कि ग्रोवेल का प्रोडक्ट्स विश्वविख्यात है और काफी प्रभावकारी है, जो कि तुरंत परिणाम देता है। आप पहले ग्रोवेल के प्रोडक्ट को जांचें-परखें और इसकी क्वालिटी की तुलना अन्य नामी-गिरामी पशुओं के स्वास्थ्यवर्धक प्रोडक्ट्स करें.अगर बेहतरीन परिणाम आए ग्रोवेल के प्रोडक्ट्स का तभी इसकी फ्रेंचाइजी लेने के लिए आगे बढ़ें.अगर आप अच्छी तरह से ग्रोवेल के फ्रेंचाइजी का काम करेंगे तो आसानी से महीने का लाख रुपया कमा सकते हैं.
 
भैंसपालन करके करोड़पति बने बलजीत अपनी टेक्नोलॉजी से पशुओं की देसी नस्ल को और उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने 'लक्ष्य' डेयरी में दुधारू पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए सीमेन स्टेशन स्थापित किया है. बलजीत हरियाणा की दूध और दही वाली परंपरा के लिए विश्वस्तर पर इसकी पहचान बनाना चाहते हैं.

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