दूध उत्पादन में भी है बेहतर करियर, कमाएं मन चाहा पैसा
दूध उत्पादन में भी है बेहतर करियर, कमाएं मन चाहा पैसा
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दूध उत्पादन में करियर की अपार सम्भावनाएं बढ़ रही है, दूध उत्पादन के लिए राज्य सरकार भी सहायता कर रही है .सरकार दूध की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को सब्सिडी भी दे रही है .सरकार द्वारा इस क्षेत्र में आगे और भी विकास किया जायगा.साथ ही साथ  विज्ञान और तकनीकी का सहारा लेकर दूध उत्पादन को और  भी बढ़ापा मिलेगा.

आज आपने भी देखा होगा की ग्रामीणों को रोजगार की काफी समस्या होती है .इसकी समस्या को लेकर ग्रामीणों क्षेत्र के लोगों को उनकी आजीविका के साधनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा शुरू की जाती है .

दुग्ध-उत्पादन के लिए -
सरकार द्वारा गांव की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए दूध उत्पादन के क्षेत्र में विकास किया जा रहा है .साथ ही साथ गांवों में हो रहे दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह से डेयरी योजनाओं के विकास पर काम कर रही है.ग्रामीण बड़े पैमाने पर दूध का उत्पादन कर सकते हैं .

दुधारू मवेशी योजना : 
ग्रामीण क्षेत्र के गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वाले लोगों के लिए दुधारू मवेशी योजना के तहत लाभ देने का काम किया जाता है। इस योजना के अंतर्गत दूध उत्पादन करने वाले को 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत ऋण पर दो दुधारू मवेशी दिए जाते हैं. दुधारू मवेशी गाय अथवा भैंस हो सकते हैं। प्रत्येक मवेशी छह माह के अंतराल पर दिया जाता है। योजना लागत में जानवर की खरीद के लिए 70,000 रुपए दिये जाते हैं.इसके अलावा मवेशियों को रखने के लिए गौशाला के निर्माण के लिए 15,000 रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा तीन वर्षों के लिए जानवरों के लिए बीमा प्रीमियम कराया जाता है.इसके लिए 8000 रुपए का लाभ दिया जाता है.
 
मिनी डेयरी (पांच दुधारू मवेशी के लिए) : 
सरकार की ओर से मिनी डेयरी योजना चलायी जा रही है जिसके लिए दूध उत्पादन करने वालों को अनुदान दिया जाता है। प्रगतिशील किसानों और शिक्षित युवा बेरोजगार को इस योजना के तहत पांच दुधारू मवेशी उपलब्ध कराया जाता है। ये मवेशी गाय अथवा भैंस हो सकते हैं। इस योजना के तहत 50 प्रतिशत अनुदान एवं 50 प्रतिशत बैंक लोन पर पांच दुधारू मवेशी दिया जाता है। दो चरणों में लाभुक को मवेशी दिया जाता है। पहले चरण में तीन मवेशी और छह माह के बाद दो मवेशी की खरीद के लिए पैसा बैंक के माध्यम से दिया जाता है.योजना लागत में मवेशी की खरीद के लिए 1,75,000 रुपए, शेड निर्माण के लिए 45,000 रुपए तथा तीन वर्षों के लिए मवेशियों के बीमा प्रीमियम के लिए 20,000 रुपए लाभुक को दिए जाते हैं.

आप दूध उत्पादन को बेहतर स्वरोजगार के रूप में अपनाकर अपने भविष्य को सम्भाल सकते है और घर बैठे उन्नति कर सकते है.

केंद्र सरकार की भी हैं योजनाएं :

दूध उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की ओर से भी कई योजनाओं को संचालित किया जाता है.इसके लिए दुग्ध उत्पादकों को कई तरह के अनुदान दिए जाते हैं.डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम के तहत दुग्ध उत्पादन करने वालों को वित्तीय सहयोग किया जाता है. यह वित्तीय सहयोग छोटे किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों को प्रमुख रूप से दिया जाता है। डेयरी इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट स्कीम भारत सरकार की योजना है, जिसके तहत डेयरी और इससे जुड़े दूसरे व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके तहत छोटे डेयरी फार्म खोलने, उन्नत नस्ल की गाय अथवा भैंस की खरीद के लिए पांच लाख रुपए की सहायता की जाती है. यह राशि दस दुधारू मवेशी की खरीद के लिए दिया जाता है.

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