पूजा की मौत से उठ रहे हैं कई सवाल !
पूजा की मौत से उठ रहे हैं कई सवाल !
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भोपाल - शनिवार को हुए हादसे में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) रीजनल सेंटर गोरागांव में महिला एथलीट पूजा कुमारी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले में खेल प्राधिकरण की अनियमितता सामने आने के बावजूद साई सेंटर मामले की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. सिर्फ पुलिस द्वारा जाँच की जा रही है.

गौरतलब है कि शनिवार को हुए हादसे में स्टीपल चेज की एथलीट पूजा कुमारी (20) की वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए बने तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। पूजा उस समय अपनी दो साथियों नेहा और प्रीति के साथ तालाब में फोटो खिंचवाने गई थी.बता दें कि साई सेंटर का वाटर हार्वेस्टिंग के लिए बना तालाब तिकोना है. इसके चारों ओर पाइप की लगभग तीन फीट ऊंची फेंसिंग है. पूजा इस फेंसिंग को लांघकर पानी के किनारे फोटो खिंचवा रही थी. उसने तालाब के पानी को हाथ में उठाया और उछालकर खड़ी हो गई. खड़े होकर दोनों हाथ हवा में खोल दिए. यहां स्लोप बना हुआ है और बारिश के कारण काफी काई भी है. जैसे ही पूजा खड़ी हुई काई पर से फिसल गई और गहरे पानी में गिर गई. काई के कारण वह गहरे पानी में चली गई और समय पर मदद नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई.

पूजा के साथ हादसे के समय मौजूद दोनों महिला खिलाड़ियों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सेंटर में मेडिकल की कोई व्यवस्था नहीं होने को बड़ी खामी बताया. जो बिलकुल सच है. साई सेंटर की सबसे बड़ी खामी यहां एम्बुलेंस का न होना है. जबकि वर्तमान में साई सेंटर में 285 खिलाड़ी विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण ले रहे हैं और वे यहीं रहते भी हैं. इन खिलाड़ियों के लिए सेंटर में कोई मेडिकल भी सुविधा नहीं है.पूजा के मौत के वक्त साई की गाड़ियां तो थीं, लेकिन उन्हें चलाने के लिए कोई ड्राइवर भी वहां मौजूद नहीं था. ऐसे में स्टाफ के लोग ही अपनी गाड़ी से पूजा को लेकर अस्पताल पहुंचे थे.

इस घटना के बाद कई सवाल ऐसे खड़े हो रहे हैं जो जवाब की मांग कर रहे हैं मसलन - एथलीट तालाब की तरफ गई तो उन्हें क्यों नहीं रोका गया?जब लड़कियों ने मदद के लिए आवाज लगाई तो मदद देरी से क्यों मिली?अस्पताल की दूरी साई सेंटर से लगभग 8 किमी है, जबकि रास्ते में आधा दर्जन बड़े अस्पताल है. फिर क्यों चिरायु अस्पताल ही चुना गया?साई सेंटर में सैकड़ों खिलाड़ी और कोचेज हैं, लेकिन मेडिकल की कोई सुविधा नहीं है. इसके कोई इंतजाम क्यों नहीं? और सबसे अहम सवाल यह कि साई सेंटर मामले की जांच के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठा रहा?

इस बारे में साई रीजनल सेंटर, गोरागांव भोपाल की प्रभारी मीना बोरा का कहना है कि " घटना की कोई जांच साई की ओर से नहीं की जाएगी. पुलिस जांच कर रही है, इसलिए इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. पूजा के परिजनों को पॉलिसी के तहत जो भी आर्थिक मदद मिलना चाहिए वह दी जाएगी."

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