लिंगानुपात के मामले में दक्षिण भारत के राज्य उत्तर भारतीय राज्य से बेहतर
लिंगानुपात के मामले में दक्षिण भारत के राज्य उत्तर भारतीय राज्य से बेहतर
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नई दिल्लीः भारत उन देशओं में शुमार है जहां लिंगानुपात ठीक स्थिति में नहीं है। अशिक्षा और जागरूकता में कमी के कारण समाज में लोग एक खास मानसिकता से ग्रसित हैं। लेकिन अब इसमे धीरे धीरे बदलाव रहा है। समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ने से लोग इसका महत्व समझने लगे हैं। लिंगानुपात का मतलब प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या है। भारत में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण द्वारा 2005-06 में कराए गए तीसरे सर्वे में प्रति 1000 पुरुषों में 914 महिलाएं थीं, लेकिन 20015-16 में कराए गए चौथे सर्वे में यह संख्या 919 हो गई।

126 प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के साथ देश में सबसे ज्यादा सुधार पंजाब में हुआ है, लेकिन फिर भी यह राज्य सबसे खराब लिंगानुपात वाले राज्यों में शामिल है। चौथे सर्वे के अनुसार यहां प्रति 1000 पुरुषों में 860 महिलाएं ही हैं। सबसे ज्यादा खराब हालात सिक्किम के हैं। 175 प्वाइंट्स की गिरावट के साथ यहां पर प्रति 1000 पुरुषों में मात्र 809 महिलाएं हैं। लिंगानुपात के मामले में देश में सबसे नीचे सिक्किम ही है।

पिछले लोकसभा सत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा एक सवाल के उत्तर में ये आंकड़े पेश किए गए। NFHS द्वारा कराए गए सर्वे में केरल का स्थान सबसे ऊपर है। यहां पर प्रति 1000 पुरुषों में 1047 महिलाएं हैं। सर्वेक्षण में पाया गया कि उत्तर भारत के राज्यों में स्थितियां खराब हैं। केरल देश का सबसे अधिक साक्षर राज्य है जिसका असर सकारात्मक असर लिंगानुपात पर दिखता है। 

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