महुआ के अनसुने फायदे
महुआ के अनसुने फायदे
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महुआ के फूल की बहार मार्च-अप्रैल में आती है और मई-जून में इसमे फल आते हैं। इसके पेड़ के पत्ते, छाल, फूल, बीज की गिरी सभी औषधीय रूप में उपयोग की जाती है।  इसके पत्ते हथेली के आकार और बादाम के जैसे मोटे होते हैं। महुआ की लकड़ी बहुत वजनदार और मजबूत होती है। इसे खेत, खलिहानों, सड़कों के किनारों पर और बगीचों में छाया के लिए लगाया जाता है

महुआ बहुत से रोगो मे दवा के रूप मे काम करता है आइए जानते है इनके क्या लाभ है.

अपस्मार (मिर्गी): छोटी पीपल, बच, कालीमिर्च व महुआ और पीसे हुए सेंधानमक को पानी में मिलाकर नाक से लेने से अपस्मार (मिर्गी), उन्माद (पागलपन), सन्निपात (वात, पित्त, और कफ का एक साथ बिगड़ना) और वायु आदि रोगों में लाभ मिलता है।

सांप के काटने पर: महुआ के बीजों को पानी में घिसकर काजल के समान आंखों में लगाने से लाभ मिलता है।
घुटने में दर्द: बकरी के दूध में महुआ के फूलों को पकाकर पीने से घुटने का दर्द ठीक हो जाता है। मुंह, नाक से खून आना: महुआ के फूल का रस 2 चम्मच की मात्रा में सेवन करने से मुंह और नाक से खून आना बंद हो जाता है

कमजोरी: 50 ग्राम महुआ के फूलों को 1 गिलास दूध में उबालकर खाएं और ऊपर से वही दूध रोजाना सेवन करें।
गठिया रोग: 20 से 40 मिलीलीटर महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर रोजाना 3 बार सेवन करने से गठिया रोग में लाभ मिलता है। गठिया के दर्द में महुआ की छाल को पीसकर गर्म करके लेप करने से गठिया रोग ठीक हो जाता है।

चेहरे के दाग-धब्बे: 20 से 40 मिलीलीटर महुआ की छाल का काढ़ा सुबह-शाम रोगी को पिलाने से चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते हैं। इसी काढ़े से खाज-खुजली की वजह से हुए जख्म को धोने से बहुत जल्दी आराम आ जाता है

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