कलाकारों को समाज और सरकार के लिए पुल की तरह करना होगा कार्य
कलाकारों को समाज और सरकार के लिए पुल की तरह करना होगा कार्य
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इलाहाबाद : लोकप्रिय फिल्मकार महेश भट्ट द्वारा धार्मिक सहिष्णुता को लेकर अपना बयान दिया गया है। जिसमें यह कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मुखरता के साथ महत्व देना होगा। उन्होंने कहा कि कलाकारों को एक पुल की तरह देखा जाना चाहिए जो सरकार और समाज के बीच सामंजस्य बैठाने का कार्य कर सकें। भट्ट द्वारा सहिष्णुता और असहिष्णुता के मसले पर चर्चा करते हुए कहा गया कि वे बेहद खुश हैं प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा के अंतर्गत भारत को फिर बुद्ध और गांधी की धरती बनाना चाहते हैं, आखिर देशवासियों पर निर्भर करता है कि वे देश में असहिष्णुता का माहौल लाऐं या फिर उसे सुनिश्चित करें। देश की विरासत कहीं भी खो न जाऐ।

महेश भट्ट द्वारा यह भी कहा गया है कि अनुपम खेर और किरन खेर द्वारा जिस तरह के सवाल उठाए गए हैं वे काफी अच्छा प्रयास कर रहे थे। मगर उन्हें समाज और सरकार के बीच पुल बनकर काम कर अपने राष्ट्रीय दायित्व को निभाना होगा। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती असहिष्णुता के माहौल में यह सुनिश्चित करें कि देश की विरासत खो न जाऐं।

उन्होंने प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश यात्रा में भारत को गांधी और बुद्ध की धरती कहा है। इस संदर्भ का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देशवासियों को इसे वास्तव में बुद्ध और गांधी की धरती बनाना होगा।

उल्लेखनीय है कि देश में सहिष्णुता और असहिष्णुता पर भट्ट की टिप्पणी से एक बार फिर विवाद चल पड़ा है। इस मसले पर विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह का भी विवादास्पद बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि मीडिया इसमें पैसों के खेल से कार्य कर रहा है। उन्माद पैदा करने वाली खबरें परोसी जा रही हैं। 

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