महाराष्ट्र की हिंसा को शिव सेना ने 'सामना' में बताया साजिश, जानिए क्या है पूरी कहानी
महाराष्ट्र की हिंसा को शिव सेना ने 'सामना' में बताया साजिश, जानिए क्या है पूरी कहानी
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मुंबई: महाराष्ट्र में लगातार बढ़ती जा रही हिंसा और आगजनी पर आज शिवसेना के 'मुखपत्र सामना' में संपादकीय छपा है. संपादकीय में इलज़ाम  लगाया गया है कि कुछ ताकतें महाराष्ट्र में रजा एकेडमी के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है. संपादकीय में प्रश्न पूछा है कि आखिर त्रिपुरा की घटनाओं का  प्रभाव महाराष्ट्र पर क्यों पड़ रहा है. मौलवियों के कंधे पर रखकर कौन बंदूक चला रहा है?

शिवसेना ने बोला है कि त्रिपुरा की प्रयोगशाला में नया प्रयोग को आरम्भ कर दिया है. उस पर त्रिपुरा के प्रयोग के धमाके महाराष्ट्र में ही क्यों होने चाहिए? रजा अकादमी आदि संगठन कोई मुस्लिम समाज का प्रधिनितित्व नहीं कर रहा है. लेकिन दुनिया में मुसलमानों के संदर्भ में कहीं कुछ शोर हुआ तो ये लोग मुंबई-महाराष्ट्र में छाती पीटने लगते है. उन्हें कोई तो पीछे से शक्ति प्रदान करने का कार्य करते है और वह बल कौन उपलब्ध कराता है, यह अमरावती के दंगे में दिखाई दिया. अब त्रिपुरा प्रकरण को लेकर महाराष्ट्र में रजा अकादमी की ही बांगबाजी करना शुरू हो गया. महाराष्ट्र में दंगे, हिंसाचार करवाने जितना बल रजा अकादमी में नहीं है. परंतु उन मौलवियों के कंधों पर बंदूक रखकर कोई महाराष्ट्र का माहौल सच में भी बिगड़ रहा है क्या?

शिवसेना का सवाल- चुनावों से पहल ही हिंदुत्व क्यों खतरे में आता है?: शिवसेना ने संपादकीय में लिखा,  यूपी सहित 4-5 राज्यों में विधासनभा चुनाव जैसे-जैसे तकरीबन आने लगे हैं, वैसे-वैसे देश में हिंदू खतरे  में पड़ रहा है. ऐसा भाजपावालों द्वारा निर्माण किए गए नकली हिंदुत्ववादी संगठनों को लग रहा है. त्रिपुरा जैसे राज्य में तनाव निर्माण करके पूरे देश में असंतोष निर्माण करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. बांग्लादेश में हिंदू मारे जा रहे हैं, जिसकी चिंता सिर्फ त्रिपुरा में क्यों व्यक्त होती है?

अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा है कि यूपी, म .प्र, कर्नाटक, हरियाणा, बिहार में हिंदुओं को गुस्सा नहीं आता है क्या? लेकिन त्रिपुरा में चिंगारी डालने का मुख्य वजह ये है कि ईशान्य में स्थित छोटे से राज्य त्रिपुरा में आज भाजपा  की गवर्नमेंट है, जो कि नाकाम सिद्ध हुई है. उसकी लोकप्रियता कम होती जा रही है. जहां इस बात का पता चला है कि पड़ोस के पश्चिम बंगाल का प्रभाव त्रिपुरा पर पड़ा है और ममता बनर्जी अब वहां ध्यान दे रही है. जिससे बीजेपी की सत्ता को झटका लगने  लग गया है. त्रिपुरा के कांग्रेसी नेता सुस्मिता देव के TMC में प्रवेश करते ही उन्हें राज्यसभा की सांसदी बहाल करके ममता बनर्जी ने 'त्रिपुरा' की जनता का मन जीत चुके है. अब त्रिपुरा की जनता बीजेपी से निकल रही है, ऐसा दिखाई दे रहा है  कि परंपरानुसार धार्मिक भावना भड़काई जा रही है.

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