देश में पहले भी रही है असहिष्णुता : एम. वैंकेया नायडू
देश में पहले भी रही है असहिष्णुता : एम. वैंकेया नायडू
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नईदिल्ली। संसदीय कार्यमंत्री एम. वैंकेया नायडू द्वारा राज्यसभा में दिया गया उद्बोधन बेहद अहम माना गया है। जिसमें उन्होंने यह माना है कि देश में थोड़ी बहुत असहिष्णुता है। इस असहिष्णुता को उसी स्थान तक सीमित करने और उससे सख्ती के साथ निपटने की आवश्यकता है। मंत्री द्वारा यह भी कहा गया है कि इन सभी समस्याओं का सामना करने के स्थान पर इस मसले को अधिक तूल दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों का सख्ती के साथ सामना करने की आवश्यकता है। संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि इस तरह के मसलों से विश्व में राष्ट्र की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है। दरअसल संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष भारत रत्न बाबासाहेब आंबेडकर की 125 वीं जयंती को लेकर संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को लेकर चर्चा की गई।

उनका कहना था कि विभिन्न क्षेत्रों में समाज में असहिष्णुता है। जिसकी पहचान उन्हें करना होगी। उन्हें उसी स्थान तक सीमित रखने की बात भी की गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों से भारत की किरकिरी हो गई है। प्रधानमंत्री एम. वैंकेया नायडू द्वारा यह भी कहा गया कि सदन में असहिष्णुता पर चर्चा की जाएगी। सहिष्णुता पर संविधान का आदर करने वाले लोगों को जनादेश का आदर करना होगा।

उन्होंने कहा कि दूसरों की आस्था का आदर करने की बात भी उन्हें ध्यान रखनी होगी। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता की घटनाऐं होती रही हैं। इस तरह की घटनाऐं केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में नहीं हुई हैं। आखिर दलितों पर 
पहले भी अत्याचार होते रहे हैं। 

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