इंदौर: नेस्ले के प्रोडक्ट मैगी के बाद से देश में खाद्य पदार्थो की सुरक्षा को लेकर माहौल गरमाया हुआ है, एक ग्राहक ने शिकायत के तौर पर आरोप लगाया है कि जो वो रोटी बनाने के लिए पैकिंग आटा उपयोग करता है उसमें मेंढक और छिपकली के अवशेष पाए गए. जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेएस राणा ने बताया की, ‘‘एचआईजी कॉलोनी के निवासी विजयप्रताप सिंह तोमर ने एलआईजी चौराहे की एक किराना दुकान से पैकेटबंद आटा खरीदा था. हमने आज किराना दुकान से इस पैकेट के बैच क्रमांक वाले आटे के एक अन्य पैकेट के नमूने लिये. नमूनों की जांच के लिये उन्हें भोपाल की राज्य खाद्य प्रयोगशाला भिजवाया जा रहा है.’’
खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेएस राणा ने बताया कि विजयप्रताप सिंह तोमर की शिकायत से हमने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाई का कदम उठाया जायेगा. विजयप्रताप सिंह तोमर के बताये अनुसार, उन्होंने किराना दुकान से दस दिन पहले सिल्वर कॉइन ब्रांड आटे के पांच किलोग्राम वाले दो पैकेट खरीदे थे. पहले पैकेट का आटा खत्म होने के बाद उन्होंने जब दूसरा पैकेट खोलकर आटे को बर्तन में डाला, तो उसमें पर मेंढक और छिपकली के अवशेष दिखाई दिए. इन्हे देखकर उनके होश उड़ गए, और उसके बाद उन्होंने कहा की वे आटा बनाने वाली निजी कम्पनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में भी याचिका दर्ज कराएँगे. इंदौर शहर का संघवी समूह सिल्वर कॉइन ब्रांड के नाम से आटा बनाता है.
मामले में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर संघवी समूह के महाप्रबंधक (परिचालन) प्रसन्न शर्मा ने कहा, ‘‘हमारा संयंत्र पूरी तरह स्वचालित है. लिहाजा इस बात की कोई संभावना ही नहीं है कि मेंढक और छिपकली जैसे जीवों के अवशेष हमारे संयंत्र में आटे के पैकेट में चले जाए.’’ उन्होंने कहा कि जो जिस ग्राहक ने यह आरोप लगा रहा है कि उनके समूह के द्वारा बनाये आटे के पैकेट से मेंढक और छिपकली के अवशेष निकले हैं, उसने समूह के ग्राहक सेवा केंद्र में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है.