क्या वाकई शराब घोटाले को सुलझा पाएगी एसआईटी ?
क्या वाकई शराब घोटाले को सुलझा पाएगी एसआईटी ?
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हरियाणा सरकार की ओर से शराब घोटाले में गठित की गई एसआईटी इस घोटाले के मकड़जाल में उलझ कर रह गई है.  एसआईटी ने समय बढ़ाने के पीछे जो तर्क दिया है वह यह है कि अभी एसआईटी को आबकारी विभाग की ओर से कागज नहीं दिए गए हैं. जबकि ऐसे गंभीर मामले में कागजों की सुपुर्दगी में देरी होना अपने आप में बड़ा कारण है.

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इसके अलावा गृह मंत्री अनिल विज ने भी यह मान लिया है कि जितना बड़ा यह काम समझा जा रहा था शायद उससे भी बड़ा है. टीसी गुप्ता से सरकार ने पूछा था. जिसके बाद उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग ने अभी कागज नहीं दिए हैं. इसलिए हमें दो माह का समय चाहिए. आबकारी विभाग की ओर से की गई यह पहली बार नहीं किया गया है. साथ ही, इससे पहले जब आबकारी विभाग से  एसआईटी में शामिल किए जाने के लिए विभाग के एक अधिकारी का नाम मांगा गया था तो उस समय भी देरी की गई थी. जब दबाव अधिक बढ़ा तो विभाग ने अपने अधिकारी का नाम दिया. जिसके बद एसईटी का गठन किया गया.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब एसआईटी का गठन तो हो गया है, लेकिन शक्तिविहीन एसआईटी दो माह में भी अपनी रिपोर्ट दे पाएगी इस बात पर संशय है, क्योंकि शराब घोटाला दिनबदिन बड़ा बनता जा रहा है. दूसरे राज्यों में किंगपिन भूपेंद्र के संपर्क निकलने के बाद अब अन्य राज्यों की पुलिस को भी भूपेेंद्र से पूछताछ का इंतजार है. वही, मुझे  एसआईटी की कार्य प्रणाली पर पूरा भरोसा है. हां यह जरूर है कि हम जितना बड़ा घोटाला इसे समझ रहे हैं. यह उससे कहीं ज्यादा बड़ा मालूम पड़ रहा है.

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