अभी हाल ही में बॉलीवुड की एक फिल्म एक बार फिर से सुर्ख़ियो में चल रही है जी हाँ हम बात कर रहे है रिलीज होने से पहले ही विवादों में आई फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' के बारे में, फिल्म को लेकर अब सेंसर बोर्ड व फिल्म वालो का संग्राम एक बार फिर से सभी के सामने आ गया है व सुनने में आया है कि अब तो यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफाई करने से इनकार किया तो फिल्मी जगत से जुड़े लोगों ने फैसले के खिलाफ विरोध का स्वर मुखर कर दिया है. फिल्मकार श्याम बेनेगल, सुधीर मिश्रा, नीरज घैवान, कबीर खान, अभिनेता फरहान अख्तर सहित अन्य ने प्रकाश झा की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के सेंसर बोर्ड के फैसले की आलोचना की.
अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित फिल्म के कथित रुप से ‘महिला केंद्रित' होने और इसमें ‘अपशब्दों' के इस्तेमाल को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने उसे प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया. प्रोड्यूसर प्रकाश झा ने तो उग्र होकर यह तक कह दिया था कि, ,'सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाऊंगा और ऐसा मैं पहले भी कर चुका हूं. यही एकमात्र विकल्प बचता है. इस फिल्म के जरिए संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंच रहा है. आॅडियंस को यह तय करने देना चाहिए कि फिल्म बुरी है या अच्छी. सेंसरिंग को हटाकर सर्टिफिकेशन की जरूरत है. कैंची चलाने की ताकत नहीं होनी चाहिए.'
सेंसर की कैंची पर चला झा का हथौड़ा...
सेंसर बोर्ड ने कहा : यह फिल्म तो कुछ ज्यादा ही महिला प्रधान निकली