रांची : झारखंड के विधानसभा अध्यक्ष ने विधायिका की गरिमा बरकरार रखने को लेकर कार्यपालिका के जिम्मेदारों से सवाल किए। दरअसल वे रांची में आयोजित किए गए सचेतक सम्मेलन में भागीदारी करने पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि यदि विधायी निकाय की गरिमा बरकरार नहीं रखी गई तो वे इस्तीफा दे देंगे। दरअसल वे कार्यपालिका द्वारा ठीक से कार्यों को न किए जाने और प्रस्तावित कार्यों के लंबित होने को लेकर नाखुश थे। यही नहीं विधायक निधि से राशि जारी करने में देरी किए जाने को लेकर वे प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उनका कहना था कि विधायिका में जिस तरह के प्रस्ताव सामने रखे जाते हैं और जिन प्रस्तावों को पारित किया जाता है। उन पर कार्यपालिका अमल नहीं कर पाती। जिससे समय पर कार्य नहीं हो रहे हैं। आखिर विधायिका की अपनी साख है। यदि इसके बनाए नियमों और निर्देशों का पालन संबंधित अथाॅरिटी ठीक तरह से नहीं कर सकती तो फिर वे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाऐंगे।
दरअसल ओरांव के कहने का आशय था कि विधानसभा के नियमों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उनका कहना था कि वे त्यागपत्र तक देने के लिए तैयार हैं यदि विधानसभा में जनप्रतिनिधि कोई कार्य पारित करते हैं या फिर जनप्रतिनिधि अपनी मद से किसी कार्य के लिए राशि देते हैं तो उस कार्य को पूरा करना संबंधित विभाग की जवाबदारी है। उसमें विलंब किया जाना विधायक और विधानसभा का अपमान ही कहा जा सकता है।