Nov 10 2015 08:15 PM
चेन्नई: तीर्थ यात्रियों को धार्मिक मान्यताओ के तहत नदी में पवित्र स्नान करने के बाद अपने कपडे नदी में ही छोड़ देने पर 18 महीने तक की सजा भुगतनी पड़ सकती है. चेन्नई कोर्ट ने यह फैसला नदी में बढ़ रहे प्रदुषण के कारण लिया है. चेनई हाई कोर्ट के अंतर्गत आने वाली नदी पम्बा में सब्रीमाली तीर्थ स्थल पर धार्मिक मान्यताओ के कारण कपडे छोड़ने से नदी का प्रदुषण बहुत बढ़ गया है.
स्पेशल कमिश्नर ने भी चेतावनी दी है कि चेन्नई हाई कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन न होने पर कार्रवाही की जाएगी. 16 अक्टूबर को सुनाए गए इस फैसले में कोर्ट ने तर्क दिया है कि कपडे नदी में छोड़ना धार्मिक मान्यताओ पर आधारित नहीं है. इसकी गलत तरीके से व्याख्या की गई है.
कोर्ट ने नदी में कपडे फेंकने के लिए उकसाने वालों पर भी कार्यवाही करने को कहा है. माना जा रहा है कि कानून के पालन होने पर नदी की सफाई में होने वाले लाखो रुपयो की बचत की जा सकती है. फ़िलहाल कई निजी संगठन भी नदी की सफाई में मदत करते है.
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