मुख्य न्यायाधीश ने किया विधि विश्वविद्यालय का शिलान्यास
मुख्य न्यायाधीश ने किया विधि विश्वविद्यालय का शिलान्यास
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शिमला - सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने यहां राज्य न्यायिक अकादमी का उद्‌घाटन आैर विधि विश्वविद्यालय ( नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी) का शिलान्यास किया. इस मौके पर सीजेआई टीएस ठाकुर ने हिमाचल में न्यायिक अकादमी बनाने की खुलकर प्रशंसा की.आपने इस बड़े लक्ष्य के लिए वित्तीय मदद हेतु केंद्र सरकार के समक्ष फंडिंग के लिए मामला उठाने का आश्वासन दिया.

न्यायमूर्ति ठाकुर ने कहा कि इसका सदुपयोग जरूरी है. राज्य में 135 न्यायिक अधिकारी हैं, इनके साथ राज्य सरकार में जो भी अधिकारी काम करते हैं, उन्हें भी इसकी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए.राजस्व से लेकर अन्य विभागों में अदालती काम होते हैं, इन्हें ट्रेनिंग की व्यवस्था यहां करनी चाहिए.छोटा राज्य होने के नाते इतना बड़ा संस्थान बनाना काफी मुश्किल है.इस पर मुख्यमंत्री की ओर से केंद्र से वित्तीय मदद मांगने के आग्रह पर उन्होंने कहा कि बतौर सीजेआई तो मैं यह नहीं कर सकता हूं, लेकिन मेरी पत्नी का मायका होने के नाते हिमाचल के इस प्रोजेक्ट की फंडिंग का मामला केंद्र सरकार के समक्ष जरूर उठाउंगा.

मुख्य न्यायाधीश ने हिमाचल हाईकोर्ट में हो रहे कार्यों एवम हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश से लेकर सभी न्यायाधीशों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि 2013 में हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने जब काम संभाला था तो उस समय केसों की पेंडेंसी 59 हजार 153 थी, लेकिन 2016 में यह कम होकर 30 हजार 509 हो गई है. इसके लिए उन्होंने हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश की तारीफ की. साथ ही हिमाचल में जजों की संख्या पर संतुष्टि जताई.

मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि साक्षरता दर के बढ़ने से न्यायालयों में मामले भी बढ़ते हैं.केरल के न्यायालयों में सबसे ज्यादा मामले आते हैं. हिमाचल की साक्षरता दर भी बेहतर है, इसलिए हिमाचल मे भी न्यायालयों में काफी संख्या में मामले पहुंचते हैं.

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