लखनऊ : उतर प्रदेश में धनतेरस के दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में कुल 39 मुद्दो पर चर्चा हुई और साथ ही कई अहम पैसले लिए गए। सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री फीस बढ़ाकर दोगुनी कर दी है और पावर ऑफ अटॉर्नी फीस में भी 2 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पहले जहाँ रजिस्ट्री फीस 10000 थी, इस पैसले के बाद यह 20000 हो जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे कमर्शियल प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी होगी और ज्यादा स्टाम्प ड्यूटी मिलेगी।
इसी कारण व्यवसायिक संपति के मूल्यांकन का तरीका भी बदल गया है। अब व्यवसायिक संपति के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रॉपर्टी के किराए का 300 गुना के आधार पर स्टाम्प ड्यूटी देने के बजाय सर्किल रेट पर जमीन और निर्माण लागत के आधार पर ही स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी। ऐसे में औद्दोगिक, इंस्टीट्यूशनल और व्यवसायिक संपति का रजिस्ट्रेशन करने वालों को थोड़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि एक तरफ जहां इससे उन्हें कम स्टाम्प ड्यूटी देनी होगी, तो वहीं इनकम टैक्स का बोझ भी कम हो जाएगा।
कैबिनेट ने नए प्रयोगो को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ की लागत से इनोवेशन फंड बनाने का भी निर्णय लिया है। इससे आम जनता के नए प्रयोगो को बल मिलेगा। इसके अलावा अखिलेश सरकार ने राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड के गठन का भी फैसला लिया है। राज्य जैव ऊर्जा नीति-2014 और औषधीय एवं सुगंधित पौधों, पुष्पों, कंदों के कृषिकरण, रोपण, उत्पादन से संबंधित परियोजनाओं और कार्यों को प्रभावी व समयबद्ध ढंग से करने के लिए बायो एनर्जी मिशन सेल को व्यवस्थित एवं संगठनात्मक ढांचा बनाने और विकसित करने के लिए यूपी राज्य जैव ऊर्जा विकास बोर्ड का गठन किया गया है।
इसके अलावा उतर प्रदेश सरकार खाद्द अधिनियम, राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ, पेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले ब्रश वैट से मुक्त, मॉडर्न तहसील, चुनाव ड्यूटी में मौत पर मिलेगा 10 लाख का मुआवजा, सिंचाई विभाग की जेई नियमावली में संशोधन और पीलीभीत और उरई जेल के भवन तोड़ने जैसे कई मुद्दो पर बातचीत की।