रांची: RJD सुप्रीमो तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में भी CBI कोर्ट ने मंगलवार को अपराधी करार दिया है. हालांकि लालू सहित 75 अपराधियों की सजा की घोषणा 21 फरवरी को की जाएगी. अब खबर आ रही है कि लालू कोर्ट से जेल की बजाय रिम्स हॉस्पिटल भी जा सकते हैं. लालू के अधिवक्ता ने कोर्ट में उनके स्वास्थ्य की दुहाई देते हुए एक अर्जी दायर की है. दोपहर 2 बजे इस पर सुनवाई होनी है.
बता दे कि यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है. 1990 से 1995 के बीच डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. लगभग 27 वर्ष पश्चात् अदालत ने इस घोटाले पर फैसला सुनाया. चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की निकासी सबसे बड़ी घटना है. आरसी 47ए/96 मामला 1990 से 1995 के बीच का है. CBI ने 1996 में अलग-अलग कोषागारों से गलत तरीके से अलग-अलग रकमों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे. ये रुपयों को संदिग्ध तौर पर पशुओं तथा उनके चारे पर खर्च होना बताया गया था.
बता दे कि 53 मामलों में से डोरंडा कोषागार का मामला आरसी 47 (ए)/ 96 सबसे बड़ा, जिसमें सर्वाधिक 170 आरोपित सम्मिलित हैं. इसमें से 55 अपराधियों की मौत हो चुकी है. दीपेश चांडक और आरके दास सहित सात अपराधियों को CBI ने गवाह बनाया. सुशील झा एवं पीके जायसवाल ने अदालत के फैसले से पहले ही खुद को अपराधी मान लिया था. डोरंडा कोषागार मामले में छह नामजद अपराधी लापता हैं. डोरंडा कोषागार मामले में पूर्व सीएम लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद समेत 99 अपराधी हैं. आज लालू यादव को अपराधी करार दे दिया गया है.
सरकारी नौकरी के नाम पर भाजपा नेता ने लिए पैसे, पार्टी ने 6 साल के लिए किया निलंबित