नई दिल्ली/पटना : इन दिनों बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन (आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस) के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल खबर है की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बिहार के पश्चिम चंपारण में होने वाली रैली में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे. और बिहार चुनाव के दौरान शनिवार को होने वाली राहुल गांधी की पहली रैली वन-मैन शो ही साबित होगी. पहले लालू यादव और अब नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि पश्चिम चंपारण में होने वाली इस जनसभा में वे शामिल नहीं हो पाएंगे.
वही राहुल की रैली से नीतीश कुमार की गैरहाजिरी पर उनकी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, हालांकि सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार अगले कुछ हफ्तों में राहुल गांधी के साथ मंच साझा कर सकते है. इससे पहले ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहले ही साफ कर दिया था कि उनके बेटे तेजस्वी यादव राहुल की रैली में उनकी पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे.
आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि लालू प्रसाद हमारे टॉप कैम्पेनर हैं, इसलिए उन पर चुनाव प्रचार का बड़ा जिम्मा है. उनकी गैरहाजिरी को नाराजगी के तौर पर न लेते देखा जाना चाहिए. कहा जाता है कि लालू प्रसाद यादव के राहुल के साथ उस समय से अच्छे संबंध नहीं हैं, जब सितंबर 2013 में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उस अध्यादेश पर आपत्ति जताई थी जो दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों को अयोग्य ठहराए जाने के बचाव के लिए था. विपक्ष के अनुसार वह अध्यादेश आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मदद के लिए लाया गया था जिन्हें चारा घोटाले में दोषी ठहराया गया था,