नई दिल्ली: अगले वर्ष जनवरी में प्रयागराज में लगने वाला कुंभ मेला नाम से ही नहीं, अपने आकार, झलक और श्रद्धालुओं के मामले में भी कुंभ साबित होने वाला है. कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए यहां यूपी सरकार ने पूरी ताकत लगा दी है, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से भी इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरा सहयोग दिया जा रहा है, इलाहाबाद का ये कुंभ मेला वैसे तो वैश्विक है, लेकिन इस बार इस मेले में सरकार की तरफ से 100 से ज्यादा देशों को शिरकत करने के लिए आमंत्रित किया गया है.
रेल यात्रियों के लिए बड़ा झटका, रेलवे ने रद्द कीं 126 रेलगाड़ियां
प्रयागराज में लगने वाले कुंभ मेले को वर्ष 2017 में यूनेस्को द्वारा ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की प्रतिनिधि सूची में मान्यता दी गई है. हिंदू धर्म में कुंभ का विशेष स्थान है, इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार, इलाहाबाद, उज्जैन व नासिक में पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं. कुंभ पर्व 12 वर्ष के अंतराल में आता है, प्रयाग में दो कुंभ मेलों के बीच में छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ का भी आयोजन किया जाता है, जनवरी 2019 में होने वाला स्नान अर्धकुंभ ही होगा.
माइक्रोसॉफ्ट ने एप्पल को पछाड़ा, बनी अमेरिका की सबसे मूल्यवान कंपनी
कुंभ को यादगार बनाने के लिए इन दिनों पूरे शहर को खूबसूरत वॉल पेंटिंग बनाकर सजावट की जा रही है, इसके लिए यहां पांच विशेषज्ञ एजेंसियों को सराकर की तरफ से काम पर लगाया गया है. वॉल पेंटिंग के जरिए सरकार पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति, सभ्यता, परंपराओं, गौरवशाली इतिहास और आर्ट से रूबरू करवाने की कोशिश कर रही है. इसके जरिए देश में पर्यटन (विशेषकर धार्मिक) बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. पेंटिगं में धार्मिक घटनाओं को विशेष तौर पर सम्मिलित किया गया है, इसके लिए इस बार तकरीबन पूरे शहर, मेला स्थल, सभी टेंट, मेला स्थल पर बनने वाले सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय में भी खूबसूरत पेटिंग बनाई जा रही है.
खबरें और भी:-
हवाई सफर करने वाले यात्रियों को झटका, जेट एयरवेज ने छिनी यह सुविधा
एक साथ ढेर सारे पदों पर भर्तियां, फ्रेशर भी कर सकते हैं आवेदन
सराफा बाजार: लगातार दूसरे दिन गिरे सोना-चांदी के दाम, आज यह रहा भाव