चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज (Bhai Dooj) का पर्व मनाया जाता है। आप सभी को बता दें कि भाई दूज साल में दो बार आता है, एक होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद। वहीँ होली के दो दिन बाद मनाए जाने वाले इस भाई दूज को होली भाई दूज (Holi Bhai Dooj) के नाम से जाना जाता है। आप सभी को बता दें कि होली भाई दूज पर भी बहनें भाई को तमाम संकटों से बचाने और उसकी दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और उसका तिलक करने के बाद व्रत खोलती है। जी हाँ और यह दिन भाई और बहन के बीच प्यार बढ़ाने वाला माना जाता है। जी हाँ और इस बार होली भाई दूज का पर्व (Bhai Dooj Festival) 20 मार्च को रविवार को है।
ज्योतिषों के मुताबिक चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 19 मार्च शनिवार को दोपहर 11:37 बजे से शुरू होगी और 20 मार्च रविवार को सुबह 10:06 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से ये त्योहार 20 मार्च रविवार को मनाया जाएगा।
आइए जानते हैं इस दिन कैसे करें तिलक। इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और श्रीगणेश व श्रीविष्णु भगवान का विधिवत पूजन करें। उसके बाद भाई दूज की कथा पढ़ें और उनसे अपने भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करें। इसके बाद भाई को तिलक करने के लिए आरती का थाल सजाएं। ध्यान रहे थाल में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, सुपारी या सूखा गोला आदि रखें। इसके बाद चौक लगाकर उस पर पाटा रखकर भाई को बैठाएं। अब भाई को तिलक लगाएं, अक्षत लगाएं, आरती उतारें और मिठाई खिलां। इसके बाद भाई को सुपारी या गोला दें। अब इसके बाद भाई अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें और बहन को सामर्थ्य के अनुसार कोई उपहार देकर उसका मुंह मीठा कराएं। ध्यान रहे इस दिन भाई को भोजन कराने के बाद ही घर से विदा करें।
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