विश्व डाक दिवस पर जानें इसका इतिहास
विश्व डाक दिवस पर जानें इसका इतिहास
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विश्व डाक दिवस हर साल 9 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दुनिया भर में स्थापित होने वाले यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की वर्षगांठ का प्रतीक है। 1874 में स्थापित, यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में की गई थी। तब से दुनिया भर के देश प्रतिवर्ष इस दिन समारोह का आयोजन करते हैं।

इस घटना को कई देशों में डाक द्वारा नए डाक उत्पादों और सेवाओं को पेश करने या बढ़ावा देने के अवसर के रूप में देखा जाता है। यूपीयू के 192 सदस्य देश हर साल इस आयोजन में भाग लेते हैं। 2021 की थीम "रिकवर करने के लिए इनोवेट करें" है। यह कोविड -19 ब्रेकआउट के कारण लगाए गए लॉकडाउन में लोगों को जोड़ने में डाक सेवाओं की भूमिका को स्वीकार करता है।

1969 में जापान के टोक्यो में आयोजित UPU कांग्रेस ने 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिन की शुरुआत में भारत की अहम भूमिका है। यह आनंद मोहन नरूला नामक एक भारतीय प्रतिनिधि था जिसने इसे प्रस्तुत किया था। यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ के बाद दूसरा सबसे पुराना विश्वव्यापी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह 1 जुलाई, 1948 को संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई।

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