बच्चों को नकारात्मक सोच से कुछ इस तरह रखें दूर
बच्चों को नकारात्मक सोच से कुछ इस तरह रखें दूर
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वास्तु शास्त्र के माध्यम से मानव जीवन से जुडी हर समस्या का समाधान संभव है . हम जानते है की मानव जीवन में समस्याएं तो आती है. पर उन्हें भी दूर करने के उपाय वास्तु शास्त्र में वर्णित है . कई बार बच्चों में किसी चीज को लेकर डर भर जाता है , वे कुछ नकारात्मकता सोच को लेकर परेशान से रहने लगते है.

कई बार वे इस गलत सोच से अपने जीवन की सही दिशा को भूल जाते है. और गलत कार्यों में अपना ध्यान लगा बैठते है. उनकी मानसिकता बदल जाती है . आपके बच्चों में आई नकारात्मक सोच और मानसिक तनाव को कुछ इस तरह बदलें.

इस बात का विशेष ध्यान दें की बच्चों को कभी भी दरवाजे की ओर पीठ करके नहीं पढ़ना चाहिए. यदि आपकी सोच में नकारात्मक भाव आते हैं. तो अपनी फोटो के पीछे हस्ताक्षर करके उसे दो पिरामिडों के बीच में रखें। बच्चों को हमेशा अपने मन की एकाग्रता और बौद्धिक विकाश के लिए पूर्व या उत्तर की दिशा में मुख करके ही पढ़ना चाहिए.

इस बात का ध्यान रखे यदि घर की ईशान दिशा खराब है. तो उस घर के बच्चे मंदबुद्धि भी हो सकते हैं. इसलिए इससे बचें. आपके बच्चे जब भी पढाई कर चुके हों तो पुस्तकें कभी भी खुले न छोड़ें जिस कमरे में बच्चे पढ़ते हों,उस कमरे में इतना प्रकाश रखें.जिससे पढाई में आसानी हो अत्याधिक प्रकाश न रखे.  उस कमरे का रंग और पर्दों का रंग पीला होना चाहिए. आप इस बात से अवगत ही होंगें की पीला रंग सकारात्मकता का प्रतीक है.

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