आधुनिक केदारपुरी में प्राचीनता की निशानियों की चल रही है खोज
आधुनिक केदारपुरी में प्राचीनता की निशानियों की चल रही है खोज
Share:

केदारनाथ की 16-17 जून 2013 की महाप्रलय के बाद लोग आज भी केदारनाथ में प्राचीनता की निशानियों को खोज रहे हैं। यह खोज परंपराओं को याद करने की भी है और इस बात की कोशिश भी है कि आधुनिकता में पारंपरिक ज्ञान को भी शामिल किया जाए। केदारनाथ आपदा के भुक्तभोगी आज भी महाप्रलय को याद कर सिहर उठते हैं। भुक्तभोगियों के मुताबिक सब कुछ तबाह होने में मात्र दो मिनट का समय लगा। 16 जून की रात को हुई तबाही में तमाम बड़े गेस्ट हाउस और आधुनिक भवन बह गए थे। रही सही कसर 17 जून को पूरी हो गई, लेकिन मंदिर, मंदिर के आगे नंदी गण, गणेश परिवार बचे रहे। 

लोगों के मुताबिक लगातार तीन दिन की बारिश, चोराबाड़ी ताल का टूटना और पानी के साथ आए मलबे के कारण भारी नुकसान हुआ था। इस महाप्रलय के बाद यह समझ में आया था कि पहाड़ में नदियों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। परंपरागत रूप से नदियों से दूर ही गांव बसते थे। धीरे-धीरे यह सबक भुला दिया।आज भी प्रदेश सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती नदियों के बाढ़ क्षेत्र से लोगों को दूर हटाने की है। पुनर्निर्माण के पैकेज में भी इसी सबक को याद रखने की जरूरत है। परंपरागत रूप से पहाड़ का जल प्रबंधन भी बेहतर था। पानी के बहाव को रोकने के लिए कई उपाय किए जाते थे। धान के खेत गांव से दूर होते थे। छानियों को दूर बनाया जाता था।भूकंप से बचने के लिए बनाए गए कोठी बनाल शैली के छह मंजिला भवनों को आज भी दाद दी जाती है। इस ज्ञान के बावजूद पहाड़ में भवनों के निर्माण में परंपरागत शैली को छोड़ दिया गया।

आपकी जानकारी के लिए बता दें की  विशेषज्ञों के मुताबिक यह शैली लोगों ने कई सौ सालों के अनुभव के आधार पर विकसित की थी। उदक कुंड, इशानेश्वर महादेव मंदिर, सत्य नारायण मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, हंस कुंड, तप्तकुंड महाप्रलय से पहले यहां मौजूद थे। केदारनाथ से जुड़े तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक आज भी लोग इनको खोजते हैं। इनकी नजर में इनको रिवाइव किए बिना केदारपूरी शायद ही पूरी मानी जाए। पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती के मुताबिक रामबाड़ा से नदी के तट के साथ ही केदारनाथ का यात्रा मार्ग था। अब रामाबाड़ा में पुल बनाकर लिंचौली से यात्रा होती है। पुराने मार्ग को बहाल किए जाने की जरूरत है। 

मारा गया अजय पंडिता का हत्यारा, शोपियां में हिज्बुल का टॉप कमांडर ढेर

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, शोपियां एनकाउंटर में 3 खूंखार आतंकी ढेर

सुशांत की मौत पर बोले कट्टरपंथी- 'वो मुस्लिम नहीं था उसके लिए मत करो दुआ, वो नर्क में जायेगा'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -