हैकर्स चुरा रहे है  पिछले पांच साल से भारतीय यूजर्स का डाटा
हैकर्स चुरा रहे है पिछले पांच साल से भारतीय यूजर्स का डाटा
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जहां एक तरफ भारत सरकार डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दे रही है, तो दूसरी तरफ हैकर्स यूजर्स को अपना निशाना बना रहे हैं। बीते कई वर्षों में हैकिंग के मामले तेजी से बढ़े हैं। वहीं इस ही बीच साइबर सिक्योरिटी और एंटीवायरस सॉफ्टवेयर कंपनी Kaspersky की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि हैकर्स 2015 से ही कई भारतीय यूजर्स का डाटा चोरी कर रहे थे। रिपोर्ट के anusaar, OceanLotus ग्रुप के हैकर्स ने PhantomLance नाम का स्पाइवेयर बनाया था, जिसके जरिए भारत, वियतनाम, बांग्लादेश और इंडोनेशिया के यूजर्स का डाटा चोरी किया गया। Kaspersky की रिपोर्ट  Kaspersky की रिपोर्ट के अनुसार , हैकर्स ने 2016 में इस स्पाइवेयर के जरिए यूजर्स का डाटा चोरी करने के लिए कम-से-कम 300 बार प्रयास किया था। इसके साथ ही कई ऐसे मोबाइल एप्स भी जारी किए गए थे, जिनका मकसद सिर्फ कुछ चुनिंदा यूजर्स की जासूसी करना था। वहीं, इस स्पाइवेयर कैंपेन को पहली बार 2015 में स्पॉट किया गया था। 

गूगल को सौपी गई स्पाइवेयर की रिपोर्ट
Kaspersky ने इस स्पाइवेयर की रिपोर्ट दिग्गज टेक कंपनी गूगल को सौपी थी, जिसके बाद कंपनी ने सख्त कदम उठाते हुए कई एप्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था। आपको बता दें कि हैकर्स इन एप्स के जरिए टारगेटेड यूजर के डिवाइस की सारी जानकारी इक्ट्ठा करते थे। 

PhantomLance स्पाइवेयर इन प्लेटफॉर्म पर था उपलब्ध
हैकर्स ने ज्यादा-से-ज्यादा यूजर्स के डाटा को चुराने के लिए PhantomLance स्पाईवेयर को गूगल प्ले स्टोर और एपीके प्यूर पर उपलब्ध कराया था। इसके साथ ही हैकर्स ने यूजर्स का भरोसा जीतने के लिए अलग से फर्जी GitHub भी बनाया था। 

हैकर्स ऐसे देते थे गूगल के फिल्टरिंग सिस्टम को मात 
हैकर्स गूगल के फिल्टरिंग सिस्टम को मात देने के लिए सबसे पहले बिना वायरस के एप्स को प्ले स्टोर पर अपलोड करते थे। इसके बाद अपडेट के जरिए इन एप्स में वायरस और मैलिशियस फाइल पहुंचाते थे, जिससे यूजर्स का डाटा आसानी से एक्सेस किया जा सके।

Kaspersky ने दिया बड़ा बयान
साइबर सिक्योरिटी कंपनी Kaspersky का कहना है कि PhantomLance स्पाईवेयर को OceanLotus ग्रुप के हैकर्स ने बनाया था। हालांकि, अब गूगल ने इसे अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। वहीं दूसरी तरफ विशेषज्ञों ने कहा हैं कि यूजर्स गूगल प्ले स्टोर पर रिव्यू पढ़ने के बाद ही मोबाइल एप्स को डाउनलोड करना चाहिए। 

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