'कश्मीर भारत का था, है और रहेगा', POK पर विदेश मंत्री की दो टूक
'कश्मीर भारत का था, है और रहेगा', POK पर विदेश मंत्री की दो टूक
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नई दिल्ली: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने भारत पहुंचे। यहां उन्होंने कश्मीर से लेकर आतंकवाद पर बड़ी-बड़ी बातें कह डाली। मगर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने उन्हें जो दो टूक जवाब दिया, उसकी आशा शायद पाकिस्तान को भी नहीं थी। गोवा में SCO बैठक के आरम्भ में विदेश मंत्री जयशंकर ने जब बिलावल से हैंडशेक करने की जगह दूर से नमस्ते कर उनका अभिवादन किया। तो दोनों देशों के बीच की तल्खी साफ व्यक्त हुई। इसी घटना पर जब बिलावल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब तक भारत कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के अपने निर्णय पर संशोधन नहीं करता है, तब तक पाकिस्तान, भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की स्थिति में नहीं है।

मगर जब SCO बैठक के पश्चात् जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो उन्होंने एक-एक कर पाकिस्तान के दोहरे मानदंड की परतें उधेड़नी आरम्भ कर दी। जयशंकर ने कहा कि SCO सदस्य देश के विदेश मंत्री के तौर पर बिलावल के साथ वैसा ही व्यवहार किया गया है। आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान की विश्वसनीयता उसके विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में तेजी से घट रही है। वही जयशंकर ने पाकिस्तान एवं बिलावल को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि SCO बैठक में बिलावल के साथ विदेश मंत्री के तौर पर बर्ताव किया गया। वह आतंकी इंडस्ट्री के प्रवक्ता हैं। पाकिस्तान की किसी भी बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता। आतंक के पीड़ित और साजिशकर्ता एक साथ बैठकर बातचीत नहीं कर सकते। बिलावल भुट्टो ने हिंदुस्तान की जमीं से कश्मीर पर भी बात की। 

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटना भारत एवं हिंदुस्तान के बीच विवाद बढ़ने के मुख्य वजहों में से एक है। इस पर जयशंकर ने कहा कि आर्टिकल 370 अब इतिहास है। इसे जितनी जल्दी समझे लें, उतना अच्छा है। SCO बैठक के आरम्भ में जिस प्रकार से जयशंकर ने हाथ मिलाने की जगह बिलावल को नमस्ते किया। वह काफी ख़बरों में रहा। मगर जयशंकर ने केवल बिलावल ही नहीं बल्कि रूस के विदेश मंत्री लावरोग एवं चीन के विदेश मंत्री से भी हाथ नहीं मिलाया था। मगर रूस और चीन के विदेश मंत्रियों की तुलना में पाक के विदेश मत्री बिलावल को नमस्ते करने में जमीन आसमान का अंतर रहा। जयशंकर एवं बिलावल के तीन सेकंड के वीडियो को देखकर पता लगाया जा सकता है कि जयशंकर ने बिलावल से मिलने में किसी प्रकार की गर्मजोशी नहीं दिखाई। जबकि बिलावल उनसे मिलते हुए अपने सीने पर हाथ रखते हुए भी दिखाई दिए। वहीं, रूस और चीन के विदेश मत्रियों से जयशंकर ने मुस्कुराकर गर्मजोशी से हाथ जोड़कर अभिवादन किया। जयशंकर ने इन दोनों से कुछ सेकंड बात भी की। मगर यह गर्मजोशी बिलावल के साथ मुलाकात में गायब रही।

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