काम नहीं आई कपिल सिब्बल की दलीलें, NewsClick के संस्थापक की याचिका ख़ारिज, चीनी पैसों से प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप
काम नहीं आई कपिल सिब्बल की दलीलें, NewsClick के संस्थापक की याचिका ख़ारिज, चीनी पैसों से प्रोपेगेंडा फैलाने का आरोप
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नई दिल्ली: न्यूज़क्लिक (NewsClick) के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती के लिए मुसीबतें बढ़ गई हैं, क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। मामला न्यूज़क्लिक को चीनी फंडिंग से जुड़ा है। 

कोर्ट ने यूएपीए मामले में न्यूज़क्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को सात दिनों के लिए दिल्ली पुलिस हिरासत में रखने के फैसले को बरकरार रखा। एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने कहा कि उनकी याचिकाओं में कोई योग्यता नहीं है। बता दें कि शुक्रवार (6 अक्टूबर) को, न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और वेबसाइट के मानव संसाधन (HR) प्रमुख अमित चक्रवर्ती, जिनका प्रतिनिधित्व पूर्व कांग्रेस वफादार और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल कर रहे हैं, ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था।

 

चीनी फंडिंग और उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की गई है। दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को गिरफ्तार किया था और बाद में 4 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले में 17 अगस्त को न्यूज पोर्टल के खिलाफ UAPA की धारा 13, 16, 17, 18 और 22 और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए और 120 बी के तहत FIR दर्ज की थी।

यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़क्लिक से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी के बाद हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने ED मामले के अलावा UAPA के तहत एक नया मामला दर्ज किया था। यूएपीए आतंकवादी गतिविधियों और आतंकी फंडिंग के तहत आरोपों से संबंधित है।

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