Birthday Special : कादर खान अपनी कॉमेडी फिल्मो के लिए जीत चुके है कई अवार्ड
Birthday Special : कादर खान अपनी कॉमेडी फिल्मो के लिए जीत चुके है कई अवार्ड
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अभिनेता और लेखक के रूप में जाने जाने वाले अभिनेता कादर खान का आज जन्मदिन है. कादर खान अपने करियर में 300 से भी ज्यादा फिल्मे कर चुके है. कादर खान ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुवात 1973 में की थी. कादर की पहली फिल्म 'दाग' थी इस फिल्म में कादर खान वकील के रूप में दिखाई दिए थे. कादर खान एक इंजीनियरिंग के छात्र थे. इन्होने इंजीनियरिंग में अपना ग्रेजुएशन किया है. कादर खान फिल्मो में आने के पहले सिद्दिक कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफ़ेसर थे. 

कादर खान के पिता का नाम अब्दुल रेहमान खान था और उनकी माता का नाम इक़बाल बेगर था. कादर खान को अभिनय करना अच्छा लगता था उन्होंने कॉलेज के समय अभिनय में भाग लिया था. दिलीप कुमार ने उनका अभिनय देखा उन्हें उनका अभिनय बहुत अच्छा लगा था इसलिए दिलीप कुमार ने कादर खान से अपनी फिल्मो में काम करने के लिए बोला. कादर खान के तीन बेटे भी है. कादर खान ने फिल्मो के लिए कहानी भी लिखी है. 

'रोटी' फिल्म के संवाद कादर खान ने ही लिखे थे. इस फिल्म के लिए उन्हें बहुत बड़ी रकम भी मिली थी कादर खान को इस फिल्म के लिए 1,20,000 रुपये मनमोहन देसाई ने दिए थे. कादर खान फिल्मो के अलावा टीवी शो में भी नजर आ चुके है. उनका शो 'हंसना मत' बहुत फेमस शो हुआ करता था. इस शो में कादर खान ने लोगो को बहुत हंसाया है. कादर खान भी अमिताभ बच्चन की तरह प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के साथ प्रतिस्पर्धी कैंपों में काम कर चुके है. 

कदर खान को अपनी फिल्मो के लिए साहित्य शिरोमनी अवार्ड भी मिल चूका है. कादर खान ने बहुत सी फिल्मो में कॉमेडी रोल भी किये है उन्हें अपनी फिल्मो के लिए बेस्ट कॉमेडियन और बेस्ट सपोर्टिंग के अवार्ड भी मिल चुके है. कादर खान को 9 बार बेस्ट कॉमेडियन के लिए नामांकित किया गया है. कादर खान कब्रों के बीच बैठकर अपने संवाद लिखते थे. अभी कुछ समय पहले कादर खान की मौत की झूठी खबरे फैलाई गई थी. इस बात से उन्हें बहुत दुःख पहुंचा था. 

कादर खान का बचपन बहुत गरीबी में बिता है उनकी माँ जब भी उन्हें मस्जिद जाने के लिए बोलती थी तो वे कब्रिस्तान चले जाते थे. उनकी माँ को यह बात पता चल जाती थी कादर खान के पैर देखकर. कादर खान के पास बचपन में पहनने के लिए चप्पल भी नहीं थे उनके गंदे पैर देखकर उनकी माँ को पता चल जाता था कि वे कहा गए थे. कादर खान के तीन बड़े भाई भी थे पर वे आठ वर्ष की उम्र में मर गए. जब कादर खान का जन्म होने वाला था तब उनकी माँ मुंबई आ गई थी. 

कादर खान को संवाद लिखना बहुत अच्छा लगता है इसलिए वे एक लेखक के रूप में जल्दी सफल हो गए वे फिल्मो में काम नहीं करना चाहते थे. फिल्मो में काम करना कादर खान के हिसाब से अच्छा नहीं था. कादर खान गजलो के मतलब भी लिख चुके है. कादर खान को फिल्मो में हीरो से भी ज्यादा तारीफे मिलती थी. लोग कादर खान के होने से ही फिल्म देखने चले जाते थे. कादर खान ने अश्लील और द्विअर्थी संवाद भी लिखे है जिसकी वजह से उन्हें बहुत बुराई भी सुननी पड़ी है.अभी कादर बीमार हो गए है उनके पास अभी कोई फिल्म भी नहीं है अभी वे बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में अपना इलाज करा रहे है.    

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