पांच साल की यात्रा के बाद बृहस्पति की कक्षा में स्थापित हो गया जूनो
पांच साल की यात्रा के बाद बृहस्पति की कक्षा में स्थापित हो गया जूनो
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न्यूयाॅर्क : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का स्पेसक्राफ्ट जूनो पांच वर्ष के लंबे सफर के बाद आखिरकार बृहस्पति ग्रह की कक्षा में स्थापित हो गया। जूनो के प्रमुख वैज्ञानिक साइंटिस्ट स्काॅट बोल्टन द्वारा यह कहा गया कि यह नासा का सबसे मुश्किल कार्य था। जूपिटर की कक्षा में पहुंचने हेतु जूनो 5 वर्षों में लगभग 280 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की गई।

दरअसल अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 5 अगस्त 2011 को इस स्पेसक्राफ्ट को पूरी तरह से तैयार कर लिया था। दरअसल यह यान 38 हजार किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है। दूसरी ओर जूपिटर के पास पहुंचने पर इसकी स्पीड 2 लाख 66 हजार किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। दरअसल इस स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष के बेहद अनुकूल बनाया गया है। इसकी बनावट को लेकर चुबकीय क्षेत्र की जानकारी पृथ्वी की ओर ट्रांसमिशन आदि को भी ध्यान में रखा गया है।

इसे लेकर यह पता लगाने का प्रयास भी किया जा रहा है कि आखिर क्या गैस जायंट माने जाने वाले जूपिटर प्लेनेट की गैस की परत के नीेचे कोई पथरीला केंद्र है या नहीं है। फरवरी वर्ष 2018 में यान अपनी खोज पूर्ण कर लेगा। दरअसल बृहस्पति ग्रह को सौरमंडल का एक प्रमुख और बड़ा ग्रह माना जाता है। बृहस्पति को भारतीय मान्यता और ज्योतिष में देवगुरू की संज्ञा मिली हुई है। इस ग्रह का निर्माण हीलियम के एक बटे चार और हाईड्रोजन से निर्मित हुआ है।

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