चंडीगढ़ : आखिरकार हरियाणा सरकार ने जाटों के आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया। हालांकि इसके लिए सरकार को कुछ समझौता करना पड़ा। ऐसे में सरकार को आरक्षित वर्ग की एक नई कैटेगरी बीसी- सी बनानी पड़ी है। हालांकि पिछड़ावर्ग की यह कैटेगरी बनाई गई लेकिन अब हरियाणा में आरक्षण जो कि जाटों को देकर उन्हें सरकारी सेवाओं में लाभ प्रदान करने की बात कही जा रही थी उसका रास्ता लगभग साफ हो गया है। इस विधेयक के ही साथ सरकार ने हरियाणा पिछड़ा आयोग बिल को इसी तरह से पास कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जाट आरक्षण बिल सदन में रखा गया। इस पर चर्चा की गई और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व सरकार द्वारा अपना वायदा पूरा करने की बात भी कही गई। आरक्षण के मसौदे पर जानकारी देते हुए कहा गया है कि इस विधेयक के तहत प्रथम और द्वितीय श्रेणी में बीसी - ए का कोटा 10 से बढ़ाकर 11 करने और बीसी - बी का कोटा 5 से बढ़ाकर 6 और ईबीसी का कोटा 5 से बढ़ाकर 7 प्रतिशत करने की बात कही गई है।
दूसरी ओर सेकंड क्लास में नौकरियों में करीब 50 और शैक्षणिक संस्थानों, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 67 प्रतिशत तक आरक्षण किया जाएगा। आरक्षण की मांग को लेकर करीब 9 दिन तक आंदोलन चला। इस दौरान दिल्ली में वाॅटर सप्लाय तक प्रभावित हुई।