राजस्थान में मानसून की निरंतर सक्रियता के बावजूद अभी तक सामान्य से 6 प्रतिशत कम बरसात हुई है. मौसम विभाग के मुताबिक, राज्य में अगस्त महीने में इस अवधि तक बरसात 421.69 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिये, किन्तु अभी तक 394.71 मिलीमीटर ही बरसात हुई है. फिलहाल एक बार फिर से मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ी हुई हैं, लेकिन वे थमी नहीं है. मौसम महकमें ने शुक्रवार को भी राज्य के कई हिस्सों में बरसात के आसार जताये हैं.
चंद्रयान-3 की तैयारी में जुटा इसरो, कर्नाटक की धरती पर चल रहा हैं काम
मौसम महकमे ने शुक्रवार के लिये 3 शहरो में येलो अलर्ट घोषित किया है. बारां, सवाईमाधोपुर और करौली में कहीं कहीं भारी बरसात हो सकती है. इसके अलावा उदयपुर, भरतपुर, जयपुर, अजमेर और कोटा संभाग में अनेक स्थानों पर सामान्य बरसात की संभावना जताई गई हैं.
सिंगर पापोन की मां का हुआ देहांत, ब्रेन स्ट्रोक से थी पीड़ित
वाटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट ने अब तक राज्य में करीब सामान्य बरसात होने का दावा किया है. महकमे के अनुसार राज्य के 22 जिलों में सामान्य और 3 जिलों में असामान्य बरसात हो चुकी है. प्रदेश के 8 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है. ऑवरऑल आंकड़ों की बात करें तो अभी भी प्रदेश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है.इस बार मानसून की शुरुआती दौर में राजस्थान में चाल काफी धीमी रही थी. इसके चलते पहले फेज में कुछ ही इलाकों में बारिश हुई और अन्य इलाके सुखे रहे. लेकिन अगस्त माह के पहले सप्ताह में मानसून ने सक्रियता दिखानी शुरू की. उसके बाद राज्य के कई क्षेत्रों में मेघ जमकर बरसे. इस दरम्यिान राजधानी जयपुर में हुई भारी बरसात ने बाढ़ के हालात पैदा दिये थे. वहीं मेवाड़ अंचल के कई इलाकों में भी भारी बरसात हुई.
यूनिवर्सिटी एग्जाम पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला - देनी ही होगी फाइनल ईयर की परीक्षा
कर्नाटक में नौ हजार से अधिक कोरोना के केस आए सामने, अबतक 141 की मौत