![जेल में रहकर पास की IIT एग्जाम और पाई 453 रैंक](https://media.newstracklive.com/uploads/taja-khabar/india/Jun/29/big_thumb/student-in-jail_577387f8d1075.jpg)
कोटा : कहते है शिक्षा किसी सुविधा की मोहताज नहीं होती और शिक्षा की ताकत का आभास जब हो जाए तभी सवेरा। जेल की छोटी सी कोठरी में रहकर एक बच्चे ने आईआईटी का एग्जाम पास किया है। कोटा की जेल में अच्छे व्यवहार के कारण लड़के के पिता को ओपन जेल में रखा गया है। उन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली है।
उनके अच्छे आचरण के कारण वो बीते दो सालों से ओपन जेल में है। उन्हें बाहर जाकर मजदूरी करने की भी छूट मिली हुई है। सजा काट रहे फूलचंद गोयल इतना नहीं कमाते कि वो अपने बेटे पीयूष को हॉस्टल में रखकर पढ़ा सके। इसलिए उन्होने पीयूष को जेल में रखकर ही आईआईटी की कोचिंग दिलवाई।
पीयूष को 453 रैंक मिला है, जिससे उसे अच्छे संस्थान में एडमिशन मिलना तय है। जेल में रहते हुए पीयूष कोटा के कोचिंग में पढ़ता है। फूल चंद गोयल ने बताया कि जेल प्रशासन का सहयोग रहा, यहां विशेष व्यवस्थाएं नहीं थी और पढ़ाई की परिस्थितियां भी विपरीत थी। जैसे लाइट आउट का आर्डर होता था, तो इनको कहते थे तो वो लाइट जला देते थे।
फूलचंद एक दुकान में मेहनत मजदूरी करके महीने में 10-12 हजार रुपए कमाते है। इसी से उन्होने कोचिंग का फीस चुकाया। पीयूष का कहना है कि जेल का माहौल इतना भी बुरा नहीं है, जितना लोग सोचते है। जेल प्रशासन भी पीयूष की इस अचीवमेंट से खुश है। वो अब कैदियों के लिए सुविधा बढ़ाना चाहते है।
कोटा जेल के सुपरिन्टेन्डेन्ट शंकर सिंह ने कहा कि जेल प्रशासन अपने आप को गौरान्वित महसूस कर रहा है कि विषम परिस्थिति में रहते हुई भी पीयूष कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रहा है।