भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया है कि चंद्रयान-2 से मिलने वाले शोधकर्ता आंकड़ों को दुनियाभर के उपयोग के लिए अक्टूबर से जारी किया जाएगा. मंगलवार को देश के इस दूसरे चंद्रयान अभियान के अंतरिक्ष में प्रक्षेपण का एक साल पूरा हो गया.
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बता दे कि इसरो ने 'बाहुबली' नामक जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी)- एमकेआइआइआइ1 के माध्यम से एक बड़े मिशन को अंजाम दिया था. जिसके तहत इसरो ने 22 जुलाई 2019 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित दूसरे लांच पैड से चंद्रयान-2 को अंतरिक्ष को लॉन्च किया था. इसरो ने कहा कि 'चंद्रयान-2 के पेलोड्स से व्यापक आंकड़े हासिल हुए हैं. चंद्रमा पर जल व बर्फ की उपलब्धता के संबंध में रिसर्च किया जा रहा है.जिसके साथ ही, वहां उपलब्ध गैसों व खनिज पदार्थो के बारे में भेजी गई सूचना का विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है. इस विश्लेषण से बहुत सारी उपयोगी जानकारी सामने आ सकती है.
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इसके अलावा चंद्रयान-2 द्वारा भेजे गए आंकड़ों को कई तरह से अहम माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है, कि मार्च में आयोजित होने वाले वार्षिक चंद्र ग्रह विज्ञान सम्मेलन (एएलपीएससी) में साझा किए जाने की योजना थी. किन्तु कोरोना संक्रमण की वजह से उसे स्थगित कर दिया गया था. चंद्रयान-2 ने 20 अगस्त 2019 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके सभी 8 पेलोड्स सही प्रकार से कार्य कर रहे हैं. जो भारतीय शोधकर्ताओं के लिए खुशी की बात है. इस खबर ने यह साबित कर दिया है, कि वैज्ञानिकों ने अपनी ओर से पूरा प्रयास किया है.
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