भोपाल: भारत अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के माध्यम से इतिहास रचने से चंद घंटे दूर है। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान 3 के चांद पर सफल उतरने की उम्मीद है। इस मिशन के कारण हर ओर इसरो के वैज्ञानिकों की प्रशंसा हो रही है। वहीं इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने एक दावा करते हुए, चंद्रयान-3 के उत्साह और वैज्ञानिकों के मनोबल को तोड़ने वाली बात कही है। उन्होंने कहा है कि जिन वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 मिशन को सफल बनाने की कोशिश की है उन्हें 17 महीने से वेतन नहीं प्राप्त हुआ है। हालाँकि, दिग्विजय सिंह का यह दावा पहले ही फर्जी करार दिया जा चुका है।
मीडिया से चर्चा करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, "हमें इस बात का गर्व है कि हमारे इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 को चांद पर उतारने का सफल प्रयास किया है। हम यही प्रार्थना करते हैं कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग हो। किन्तु समाचार पत्रों में ये खबर आ रही है कि जिन वैज्ञानिकों ने ये काम किया है उन्हें 17 महीने से वेतन नहीं प्राप्त हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए।" हालाँकि, यदि दिग्विजय सिंह की बातों को एक बार सच माना भी जाए, तो 17 महीनों से कभी ISRO के वैज्ञानिक, कभी वेतन की मांग करते या प्रदर्शन-हड़ताल करते नज़र नहीं आए हैं। यहाँ तक कि, किसी वैज्ञानिक ने इसको लेकर बयान भी नहीं दिया है।
.@tehseenp claims that ISRO scientists haven't received salaries for the last 3 months#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 16, 2023
✔️This claim is #Fake
✔️@isro scientists get their monthly salary on last day of every month pic.twitter.com/RHa81wt2cy
बता दें कि, दिग्विजय सिंह से पहले कांग्रेस के प्रवक्ता तहसीन पूनावाला ने भी ऐसा ही दावा किया था। हालाँकि, प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) ने उनके दावे को फर्जी बताया था। PIB ने तहसीन के दावे का फैक्ट चेक करते हुए बताया था कि, ISRO के वैज्ञानिकों को हर महीने की अंतिम तारीख को उनका वेतन मिल जाता है। अब यही दावा दिग्विजय सिंह ने किया है, हालाँकि, पूनावाला ने तो 3 महीने से वेतन नहीं मिलने का दावा किया था, जबकि दिग्गी राजा 17 महीने पर पहुँच गए हैं। यहाँ तक कि, दिग्विजय ने पहले अपनी पार्टी के तहसीन पूनावाला से ही कन्फर्म करना जरूरी नहीं समझा कि, वेतन 3 महीने से नहीं मिला है या 17 महीनों से। जबकि, PIB पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि, ये दावे फर्जी और मनगढ़ंत हैं।
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