'हिजाब' उतारकर सड़कों पर उतरी महिलाएं.., किया कट्टरपंथ का विरोध, वायरल हुआ वीडियो
'हिजाब' उतारकर सड़कों पर उतरी महिलाएं.., किया कट्टरपंथ का विरोध, वायरल हुआ वीडियो
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तेहरान: हिजाब को सही तरिके से न पहनने की वजह से हुई 22 वर्षीय लड़की की निर्मम हत्या के बाद इस्लामिक मुल्क ईरान में सैंकड़ों औरतों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने हिजाब पहनने की बजाए उसे हाथ में रखकर और हवा में उठा कर प्रशासन का विरोध किया। इस प्रदर्शन में कई पुरुष भी शामिल रहे। ईरान की महिलाओं के लिए मुखर होकर बात रखने वाली पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने इस प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। 

 

उन्होंने बताया है कि ईरान और सक्केज की महिलाओं ने महसा अमिनी (Mahsa Amini) की हत्या के विरोध में अपने हिजाब उतारकर प्रदर्शन किया। साथ ही ‘तानाशाह को मौत’ जैसे नारे लगाए। पत्रकार मसीह ने बताया कि, 'ईरान में हिजाब हटाना एक दंडनीय अपराध है। हम पूरे विश्व की महिलाओं और पुरुषों से एकजुटता दिखाने की अपील करते हैं।' इससे पहले मसीह ने ही यह बताया था कि कैसे ईरान की नैतिक  पुलिस (Moral Police) ने महसा अमिनी को बेरहमी से मार-मारकर कोमा में पहुँचा दिया। महसा पर आरोप यह था कि, उन्होंने ईरान में रहकर सही से हिजाब नहीं पहना था, हिजाब में से उनके बाल दिख गए थे, इसलिए नैतिक पुलिस ने उन पर हमला किया और उन्हें इतना मारा कि उनका पहले ब्रेन डेड हुआ, वो कोमा में गईं और उसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।

 

पत्रकार मसीह ने एक वीडियो भी साझा किया है जिसमें बुर्का पहनी औरतें मिलकर एक सलवार सूट पहनी औरत को बेरहमी से पीट रही हैं। मसीह का दावा है कि ये वीडियो ईरान की नैतिक पुलिस की है। लोग आकर लड़की को बचा रहे हैं, मगर पुलिस उन्हें लगातार पीट रही है। वीडियो में जबरन लड़कियों को घसीट-घसीट कर पीटते देखा जा सकता है। 

 

ट्विटर ने ब्लॉक कर दिया था ईरानी पत्रकार का अकॉउंट :-

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात ये है कि ईरान में महिलाओं के साथ होती ऐसी निर्ममता को पत्रकार मसीह जहाँ ट्विटर के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने रख रहे थे। वहीं इस मामले के बीच ट्विटर ने उनका अकॉउंट ही ब्लॉक कर दिया और उनसे वो दो तस्वीरें हटवा दी गईं, जिनमें ईरानी बर्बरता का शिकार हुई महिलाओं के चेहरे नज़र आ रहे थे। हालाँकि, बाद में अकॉउंट वापस शुरू हो गया, किन्तु मसीह के अकॉउंट से वो दो तस्वीरें डिलीट कर दी गई थीं। ट्विटर की इस कार्रवाई का पता लगने के बाद यूजर्स ने ईरान के कट्टरपंथियों के साथ ट्विटर का भी विरोध किया। यूज़र्स ने सवाल उठाए कि एक आपराधिक मानसिकता वाला व्यक्ति ट्विटर पर रह सकता है, लेकिन अपराध को उजागर करने वाले व्यक्ति पर ट्विटर कार्रवाई करता है। क्या ट्विटर भी कट्टरपंथियों का सहयोगी है ?

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